नई दिल्ली/ गाजियाबाद: गाजियाबाद के थाना नंदग्राम पुलिस ने फोन पर खुद को पुलिस इंस्पेक्टर और दारोगा बताकर दुकानदारों से महंगे इलेक्ट्रॉनिक सामान ठगने वाले चार शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है. इन आरोपियों ने फोन पर पुलिस अधिकारी बनकर ठगी की कई वारदातों को अंजाम दिया. पुलिस ने इनके पास से चोरी किए गए 4 स्प्लिट एसी (इनडोर और आउटडोर यूनिट), 4 एलईडी टीवी (55 इंच) और ठगी में इस्तेमाल की गई अर्टिगा गाड़ी बरामद की है.
घटना का विवरण:6 नवंबर को गाजियाबाद के विजय नगर निवासी तरुण सिंघल ने शिकायत दर्ज कराई कि एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन कर खुद को विजयनगर थाने का इंस्पेक्टर बताया. उसने तरुण से दो स्प्लिट एसी अपने आवास एसजी ग्रांड सोसाइटी, राजनगर एक्सटेंशन में मंगवाए और गेट पर 67,000 रुपये देने का भरोसा देकर दोनों एसी लेकर फरार हो गया. इसी तरह, 8 नवंबर को खोडा कॉलोनी के समीर ने शिकायत की कि एक व्यक्ति ने खुद को चौकी मोरटा का दारोगा बताते हुए उससे दो 55 इंच के टीवी मंगवाए. उसने ड्राइवर को पैसे चौकी से लाने को कह कर दोनों टीवी लेकर गायब हो गया.
गाजियाबाद में पुलिस ने ठग गैंग का पर्दा किया फाश (Etv bharat) पुलिस की कार्रवाई: घटना के बाद नंदग्राम पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और घटना की जांच के लिए विशेष टीमें बनाई. घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी कैमरे और सर्विलांस की मदद से आरोपियों का पता लगाया गया. 10 नवंबर को मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने रेड एप्पल सोसाइटी के पास एक खंडहर में छापा मारकर चारों आरोपियों को चोरी के सामान और ठगी में प्रयुक्त गाड़ी सहित गिरफ्तार कर लिया.
पूछताछ में हुआ खुलासाः पूछताछ के दौरान मुख्य आरोपी मनीष और जसवीर उर्फ मोनू ने बताया कि वे दुकानों के बोर्ड पर लगे नंबर पर दुकानदारों को कॉल कर खुद को पुलिस इंस्पेक्टर या दारोगा बताते थे. वे महंगे इलेक्ट्रॉनिक सामान मंगवाने का बहाना बनाकर भीड़-भाड़ से दूर स्थान पर उतरवाते थे. फिर ड्राइवर को पैसे देने के बहाने से बाहर भेजते और उसी दौरान सामान लेकर फरार हो जाते थे. गिरफ्तार आरोपियों में जसवीर उर्फ मोनू पर दिल्ली के विभिन्न थानों में धोखाधड़ी, आर्म्स एक्ट और दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराधों के मामले दर्ज हैं.
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