नई दिल्ली:2011 में अन्ना हजारे के नेतृत्व में चला भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन ने केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार को हिलाकर रख दिया था, और लाखों भारतीयों को एकजुट किया था. जन लोकपाल या भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल की अपनी प्रमुख मांग के साथ, आंदोलन ने सभी क्षेत्रों के लोगों को अपनी ओर खींचा. वहीं, एक साल बाद आंदोलन के प्रमुख सदस्यों के बीच मतभेद के कारण एक राजनीतिक दल आम आदमी पार्टी (AAP) का जन्म हुआ.
आम आदमी पार्टी ने देश की दिलो-दिमाग पर कब्जा कर लिया और बाद दिल्ली में सत्ता में आ गई. आज दिल्ली और पंजाब में पूर्ण बहुमत की सरकार है. वहीं अब आंदोलन से करीब 13 साल बाद आप के 4 प्रमुख नेता अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, संजय सिंह भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं और सलाखों के पीछे हैं.
मनी लॉन्ड्रिंग केस में सत्येंद्र जैन सलाखों के पीछे:सत्येंद्र जैन को 30 मई 2022 को मनी लांड्रिंग और भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. तब से सत्येंद्र जैन तिहाड़ जेल में बंद हैं. सत्येंद्र जैन दिल्ली सरकार में परिवार कल्याण, उद्योग, बिजली, जल परिवहन, शहरी विकास, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण और अन्य विभागों के मंत्री रहे हैं. गिरफ्तारी के बाद सत्येंद्र जैन ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.