जयपुर: राजधानी की प्रताप नगर थाना पुलिस ने सोशल मीडिया एप पर पुरुषों से दोस्ती करके लूट करने वाली गैंग का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने गुरुवार को दो अलग-अलग मामलों में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के कब्जे से फर्जी सिम कार्ड भी बरामद किए गए हैं. गैंग के लोग प्रतिष्ठित व्यक्तियों को टारगेट बनाते थे.
डीसीपी ईस्ट तेजस्विनी गौतम ने बताया कि प्रताप नगर थाने में दो पीड़ितों ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि सोशल मीडिया एप के जरिए दोस्ती करके कुछ लड़कों ने प्रताप नगर इलाके में बुलाया था. कमरे में अकेले होने की कहकर बुलाया और फिर गैंग के अन्य लोगों ने आकर मोबाइल में फोटो वीडियो बनाकर धमकाना शुरू कर दिया. फोटो वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर कमरे में बंधक बनाकर 10 हजार नकद और 2 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए. एटीएम से 40 हजार रुपए निकाल लिए. साथ ही मोबाइल फोन को रिसेट कर दिया. पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके जांच पड़ताल शुरू की. सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी सहायता के आधार पर आरोपियों का पता लगाया गया. पुलिस ने मामले में सफलता हासिल करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
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इन आरोपियों को किया गिरफ्तार:उन्होंने बताया कि गुरुवार को सीकर निवासी जितेंद्र कुमार जाट, कुचामन निवासी रविंद्र सिंह राठौड़, अलवर निवासी चेतन शर्मा और जयपुर के प्रताप नगर निवासी निखिल गुर्जर को गिरफ्तार किया गया है. गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है.
इस तरह करते थे ठगी:पुलिस के मुताबिक आरोपी ऑनलाइन समलैंगिकता एप पर अपना अकाउंट बनाकर पुरुषों से संपर्क करते थे. दोस्ती होने के बाद उनसे चैट करके पीड़ित से उसके बारे में जानकारी लेते थे. पीड़ित व्यक्ति प्रतिष्ठित होने का गैंग को एहसास हो जाने पर उसको अपना मोबाइल नंबर शेयर कर देते थे. मोबाइल नंबर फर्जी आईडी या अन्य व्यक्ति की आईडी से लिया हुआ होता था, जिससे उनकी पहचान नहीं हो सके. मोबाइल नंबर देने के बाद पीड़ित से लगातार बात करके दोस्ती को ज्यादा बढ़ा लेते थे, फिर उसे अपने कमरे में बुलवाकर गैंग के अन्य लोगों के माध्यम से वीडियो बनाकर वायरल करने की धमकी देकर नकद और खाते से रुपए ट्रांसफर कर लेते थे.
पुलिस ने आमजन से की अपील: जयपुर पुलिस ने आमजन से अपील की है कि अगर इस तरह से डेटिंग एप के माध्यम से आपको कोई परेशान करता है या ब्लैकमेल करने की कोशिश करता है, तो तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम या साइबर हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज करवाएं. इस तरह की गैंग को रुपए देकर गैंग को बढ़ावा नहीं दें. साथ ही किराएदार का पुलिस सत्यापन आवश्यक रूप से करवाने की अपील की है.