कानपुर : उप्र सरकार में जो उच्च शिक्षा विभाग है, उसके साथ हमारा करार हुआ है. उस करार के तहत हम पहले यूपी प्रोजेक्ट के तहत काम कर रहे हैं, जिसका मकसद है उप्र की एजूकेशन को वर्ल्ड क्लास एजूकेशन बनाना. इसके लिए क्रिस्प संस्था के सदस्य भी एक्टिव हैं. हमने उप्र के सभी डिग्री कॉलेजों के डाटा पर स्टडी भी शुरू कर दी है. गुरुवार को छत्रपति शाहू जी महाराज विवि पहुंचे पूर्व कुलपति व पहले यूपी प्रोजेक्ट के सदस्य व क्रिस्प संस्था के स्टेट लीड प्रो. बलराज चौहान ने यह बातें ईटीवी संवाददाता से खास बातचीत के दौरान कही.
डिग्री काॅलेजों ने एनआईआरएफ रैंकिंग के लिए किया आवेदन : डिग्री कॉलेजों की ओर से एनआईआरएफ रैंकिंग हासिल करने को लेकर क्या प्रयास किए जा रहे हैं और अभी तक कितनी सफलता मिली है? जब प्रो. बलराज चौहान से यह सवाल किया गया, तो उनका जवाब था कि अभी तक उप्र से किसी भी डिग्री कॉलेज ने एनआईआरएफ रैंकिंग के लिए आवेदन नहीं किया. हां, पिछले साल तक 42-43 कॉलेजों ने आवेदन किया था. जबकि, इस सत्र में यह संख्या 200 के पार पहुंच गई है. पूर्व कुलपति बलराज चौहान ने कहा, कि अगर कॉलेजों को एनआईआरएफ रैंकिंग मिल जाती है तो निश्चित तौर पर उनकी गुणवत्ता सुधरेगी. छात्र संख्या बढ़ जाएगी, इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर हो जाएगा.