सुल्तानपुर : पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह व एक अन्य ने सोमवार को मारपीट व दीवार ढहाए जाने के मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया. जिसके बाद दोनों को अमहट जेल भेजा गया. 4 जून को इसी मामले में उनका एक साथी जेल जा चुका है. बता दें कि बाहुबली बंधु पूर्व विधायक चन्द्रभद्र सिंह सोनू और यशभद्र सिंह मोनू ने लोकसभा चुनाव के वक्त समाजवादी पार्टी का दामन थामा था और मेनका गांधी को कड़ी चुनौती में हार का सामना करना पड़ा. बहरहाल माना जा रहा है कि चुनाव बाद इस कार्रवाई से जिले का राजनीतिक परिदृश्य बदल सकता है.
इस पूरे मामले में विशेष लोक अभियोजक वैभव पाण्डेय ने बताया कि घटना की एफआईआर बनारसी लाल कसौंधन निवासी ग्राम मायंग ने लिखाई थी. उनके अनुसार, घटना 25 फरवरी 21 को सुबह 8 बजे की है. आरोप था कि उनके गांव के पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू, उनके भाई यशभद्र सिंह मोनू, सिंटू जेसीबी लेकर घर में घुस गए. असलहे दिखाकर उन्हें व बेटे अनिल को मारा पीटा. जब उनके बेटे व भतीजे डर के मारे भग गए तो इन लोगों ने उनके मकान की दीवार व गेट जेसीबी व हाथ से गिरा दिया था. विवेचना में मोनू की नामजदगी गलत पाई गई, जबकि सोनू, सिंटू व जेसीबी चालक अमेठी निवासी रुक्सार पर मुकदमा चला. अभियोजन के 9 गवाह परीक्षित हुए थे. जिनके आधार पर तीनों को तत्कालीन मजिस्ट्रेट योगेश यादव ने 6 जुलाई 2023 को डेढ़ वर्ष की सजा सुनाने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया था.
उस आदेश के विरुद्ध यह अपील दायर की गई थी, जो निरस्त हुई और सजा बहाल हुई तो उनके अधिवक्ता रूद्र प्रताप सिंह मदन ने समर्पण के लिए अवसर मांगा. जिसे विशेष जज एकता वर्मा ने निरस्त कर गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू व सूर्य प्रकाश ने सोमवार को एमपी/एमएलए मजिस्ट्रेट के न्यायालय में समर्पण कर दिया. उन्हें विशेष मजिस्ट्रेट शुभम वर्मा ने जेल भेज दिया. अब उनके रिवीजन की सुनवाई उच्च न्यायालय में होगी.