अजमेर.जिले में 30 जून, 2001 को तत्कालीन एसपी को थप्पड़ मारने और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की वर्दी फाड़ने के मामले में केकड़ी के तत्कालीन विधायक बाबूलाल सिंगारिया को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. अजमेर की एडीजे कोर्ट 3 के जज अमर वर्मा ने बाबूलाल सिंगारिया को बरी कर दिया है. जज ने धारा 323 के तहत सिंगारिया को हिदायत देकर छोड़ दिया है. आरोपी पक्ष के अधिवक्ता प्रीतम सिंह सोनी ने बताया कि अजमेर की एडीजे कोर्ट संख्या 3 में निचली अदालत के निर्णय को लेकर अपील की गई थी. सिंगारिया के प्रकरण की सुनवाई में बुधवार को जज अमर वर्मा ने अहम फैसला सुनाते हुए धारा 332, 353, 186 आईपीसी में बाबूलाल सिंगारिया को बरी कर दिया है, जबकि धारा 323 में सिंगारिया को दोषी माना है. साथ ही धारा 3 पोओ एक्ट के तहत सिंगारिया को हिदायत देकर छोड़ दिया गया है.
अधिवक्ता सोनी ने बताया कि पीसीपीएनडीटी कोर्ट ने बाबूलाल सिंगारिया को 24 मार्च, 2023 को 3 वर्ष की सजा और 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था. सजा के खिलाफ बाबूलाल सिंगारिया की ओर से अपील की गई थी, जिसमें सजा स्थगित करते हुए कोर्ट ने उन्हें जमानत पर रिहा किया था.
ये था मामला :अधिवक्ता प्रीतम सिंह सोनी ने बताया कि तब बाबूलाल सिंगारिया केकड़ी से विधायक थे. 30 जून, 2001 को उनके खिलाफ सिविल लाइन थाने में तत्कालीन एडीएम सिटी अशफाकउल्ला की ओर से मुकदमा दर्ज करवाया गया था. सोनी ने बताया कि इस दिन जान अभाव अभियोग की बैठक कलेक्ट्रेट में कलेक्टर उषा शर्मा की अध्यक्षता में हो रही थी. एडीएम प्रशासन राजपाल सुमित जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारी और तत्कालीन एसपी और एडिशनल एसपी भी मौजूद थे.