आगरा:दुबई में बैठे साइबर क्रिमिनल ने पूर्व फेमिना मिस इंडिया वेस्ट बंगाल शिवांकिता दीक्षित को डिजिटल अरेस्ट किया था. साइबर क्रिमिनल ने सीबीआई अधिकारी बनकर डिजिटल अरेस्ट करके 99 हजार रुपये की ठगी की थी. जिसमें से 80 हजार रुपये दुबई में एक बैंक खाते में भेजे. ठगी की रकम से साइबर क्रिमिनल ने मॉल में शापिंग की और 10 हजार रुपये जयपुर में केनरा बैंक की एक शाखा के एटीएम से निकाले गए. पुलिस की छानबीन में ये खुलासा हुआ है. इससे आशंका है कि दुबई में बैठे साइबर क्रिमिनल ने अपने एजेंट रकम भेजी. जिसे एटीएम से निकाला गया है.
बता दें कि शाहगंज थाना के मानस नगर निवासी शिवांकिता दीक्षित एक मेकअप आर्टिस्ट और मॉडल हैं. शिवांकिता दीक्षित सन 2017 में फेमिना मिस इंडिया वेस्ट बंगाल रही हैं. शिवांकिता दीक्षित ने बताया कि मंगलवार शाम करीब चार बजे मेरे मोबाइल पर व्हाट्सएप कॉल आई. कॉल करने वाले ने खुद सीबीआई अधिकारी बताया. कहा कि उनके आधार कार्ड से रजिस्टर्ड सिम पर दिल्ली के एचडीएफसी बैंक में खाता खोला गया है. जिसमें मानव तस्करी, मनी लांड्रिंग और दो दर्जन से अधिक बच्चों के अपहरण कर फिरौती की रकम जमा की गई है.
व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल कर धमकाया:शिवांकिता दीक्षित ने बताया कि मैंने सीबीआई अधिकारी बताकर कॉल करने वाले से कहा कि मुझे इसकी जानकारी नहीं है. इस पर उसने कहा कि सीबीआई उनके जरिए गिरोह तक पहुंचना चाहता है. हमारा सहयोग करें. अन्यथा इसमें कार्रवाई की जाएगी. जिससे जेल भी जाना पड़ेगा. इसके बाद व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल की. जिसमें कॉल करने वाला खाकी वर्दी पहने था. उसके पास में ही कुछ लोग बैठे दिखाई दे रहे थे. कॉल करने वाले ने कहा कि कमरा अंदर से बंद कर लो. इसकी जानकारी किसी परिजन को नहीं दें. ना ही कोई बात करें. इसके बाद कॉल करने वाले ने डराया और धमकाया. इसके बाद रुपयों की डिमांड की.
दो बार में 99 हजार रुपये ट्रांसफर कराए :शिवांकिता दीक्षित ने बताया कि मुझे आरोपियों ने दो घंटे तक इसी तरह से कमरे में बंद करके रखा. इसी दौरान दो बार में मुझसे अपने बताए बैंक खाता में 99 हजार रुपये ट्रांसफर करवाए. इसके बाद फोन काट दिया. जब मैं कमरे से बाहर निकली तो पिता संजय दीक्षित को इसकी जानकारी दी. इसके बाद साइबर ठगी का शिकार होने का अहसास हुआ. इस पर उसी मोबाइल नंबर पर व्हाट्सएप कॉल की तो मोबाइल बंद मिला. शिवांकिता दीक्षित ने बताया कि मैंने पहले 1930 हेल्पलाइन पर कॉल करके शिकायत की है. इसके साथ ही ईमेल से साइबर क्राइम सेल में शिकायत भेजी है.