रामनगर: उत्तराखंड में मानव वन्यजीव संघर्ष का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व क्षेत्र की बात करें तो बीते 15 सालों में 30 से ज्यादा वनकर्मी गश्त के दौरान वन्यजीवों के हमले में मारे जा चुके हैं. ऐसे में वन्यजीवों के हमले से बचने के लिए कॉर्बेट प्रशासन ने नया प्रयोग किया है. जिसके तहत वनकर्मी सिर पर पीछे पर मुखौटा पहनकर गश्त कर रहे हैं. कॉर्बेट प्रशासन की मानें तो इसका मकसद शिकारी जानवरों को चकमा देना है. इसके अलावा वनकर्मियों को कई सुविधाओं से लैस स्मार्ट स्टिक भी दिया गया है.
कॉर्बेट पार्क में मौजूद हैं 260 से ज्यादा बाघ और 1000 से ज्यादा हाथी:बता दें कि विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन हमेशा पार्क के वनों और वन्यजीवों की सुरक्षा में मुस्तैद दिखाई देता है. कॉर्बेट पार्क में 260 से ज्यादा बाघ और 1000 से ज्यादा हाथी पाए जाते हैं. यहां के वनकर्मी रात और दिन वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर लगातार गश्त करते हैं. कॉर्बेट पार्क में गश्त के दौरान बाघ और हाथी के हमले में कई वनकर्मी अपनी जान गंवा चुके हैं. इसके अलावा बाघ आबादी क्षेत्र में भी ग्रामीणों पर हमला कर रहे हैं.
मुखौटा से बाघ को दिया जा सकता है चकमा:वहीं, लगातार वन कर्मियों पर हो रहे हमलों को देखते हुए पार्क प्रशासन ने अब एक नया प्रयोग किया है. जिसमें वनकर्मी मुखौटा पहनकर गश्त कर रहे हैं. कॉर्बेट पार्क के धनगढ़ी बीट के इंचार्ज डिप्टी रेंजर वीरेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि बाघ पार्क के कई स्टाफ पर हमला कर चुका है. ऐसे में अब वनकर्मी पीछे सिर पर मुखौटा लगाकर गश्त कर रहे हैं. क्योंकि, बाघ आगे से नहीं पीछे से अटैक करता है. ऐसे में मुखौटा देखकर उसे ऐसा लगेगा कि सामने से आदमी आ रहा है. ताकि, वो एकदम से अटैक न करे.