रांची: राजधानी रांची समेत राज्य के विभिन्न जिलों में इन दिनों हाथियों का कहर जारी है. हाल ही में सोनाहातू के रंजन महतो की मौत वन विभाग की कार्य व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर रही है. आंकड़ों पर नजर डालें तो रांची जिले के सोनाहातू प्रखंड में हाथियों के हमले से महज एक महीने में करीब छह लोगों की मौत हो चुकी है.
13 जनवरी 2024 को सोनाहातू के गाड़ाडीह गांव में हाथी के हमले से एक बुजुर्ग की मौत हो गयी थी. 6 जनवरी 2024 को इसी ब्लॉक से सटे हुसीरबेड़ा गांव में हाथी के हमले से फिर एक बुजुर्ग की मौत हो गयी. राहे ब्लॉक के बेहराजरा गांव में भी 5 जनवरी 2024 को एक व्यक्ति की मौत हो गई. इस साल की बात करें तो रांची के सिकदरी, राहेन, बुंडू, तमाड़ और सोनहातू जैसे इलाकों में हाथियों के अत्यधिक मूवमेंट के कारण कई लोगों की जान जा चुकी है.
शाम होते ही सुनसान हो जाती हैं सड़कें:स्थानीय लोगों का कहना है कि शाम होते ही पूरी सड़क सुनसान हो जाती है. गांव के लोग शाम के बाद अपने घरों से बाहर नहीं निकलते. मृतक मनोरंजन महतो के परिजनों ने बताया कि आए दिन ऐसी घटनाएं हो रही हैं, लेकिन वन विभाग ग्रामीणों के जान-माल के नुकसान को लेकर गंभीर नहीं दिख रहा है.
रांची जिले के अलावा खूंटी, हजारीबाग, चाईबासा, सिमडेगा समेत विभिन्न जिलों में हाथियों के उत्पात से आए दिन घटनाएं हो रही हैं. हाथियों के कारण हो रही लोगों की मौत को लेकर जब ईटीवी भारत की टीम ने वन विभाग के अधिकारी श्रीकांत वर्मा से बात की तो उन्होंने कहा कि हाथियों की आवाजाही से जान-माल का नुकसान जरूर होता है. आए दिन लोगों की मौत की जानकारी मिल रही है, जो काफी दुखद है. लेकिन पिछले कुछ वर्षों से जंगलों से हाथी ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवेश कर रहे हैं क्योंकि उन्हें वन क्षेत्रों में उगने वाले फलदार पौधों की तुलना में समतल क्षेत्रों में उगने वाले फलदार पौधे अधिक पसंद आ रहे हैं.
भोजन की तलाश में गांव आ रहे हाथी:श्रीकांत वर्मा ने बताया कि जंगलों में अभी भी पानी की भारी कमी है. जिसके कारण हाथी अच्छे भोजन और पानी की तलाश में वन क्षेत्रों से घनी आबादी वाले इलाकों में प्रवेश करते हैं. जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि अच्छे भोजन की तलाश में हाथी और उनके झुंड वन क्षेत्रों को छोड़कर भीड़-भाड़ वाले या ग्रामीण इलाकों में प्रवेश करते हैं ताकि वे किसानों द्वारा उगाई गई फसलों को खा सकें. ऐसे में जब किसान अपनी फसल बचाने की जद्दोजहद करते हैं तो उनका सामना हाथियों से हो जाता है, जिसमें कई बार लोगों की जान चली जाती है.