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हरियाणा में विदेशी सब्जियों की खेती से किसान मालामाल, गर्मियों के लिए कई रंगों का तरबूज हो रहा तैयार

Foreign Vegetables Farming: पानीपत में ऑर्गेनिक खेती कर किसान विदेशी सब्जियों की पैदावार से लाखों का मुनाफा कमा रहा है. गर्मियों के सीजन के लिए किसान ने तीन चार रंग के तरबूज की खेती करने के लिए पौध भी तैयार कर ली है. राम प्रताप की इस खेती के लिए हरियाणा सरकार ने भी पुरस्कार से सम्मानित किया है. इनकी फार्मिंग देखने के लिए आसपास के किसान ही नहीं बल्कि विदेशी मेहमान भी पहुंच रहे हैं.

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Mar 9, 2024, 8:29 PM IST

पानीपत के किसान राम प्रताप ने बताया खेती करने का तरीका

पानीपत:हरियाणा के किसान ऑर्गेनिक खेती कर काफी मुनाफा कमा रहे हैं. पानीपत के किसान रामप्रताप ऑर्गेनिक खेती कर विदेशी सब्जियों की खेती कर रहे हैं. जिसका काफी ज्यादा डिमांड है. राम प्रताप ऑर्गेनिक तरीके से सब्जियां उगा रहे हैं. गर्मियों में किसान द्वारा उगाए गए चार रंग के तरबूज आसपास के क्षेत्रों में चर्चा का विषय बने हुए हैं. राम प्रताप 6 एकड़ जमीन पर सिर्फ फल और सब्जियां उगाते हैं जो कि हाथों हाथ खेतों में ही बिक भी जाती है. राम प्रताप बाकी किसानों के लिए भी मिसाल बन रहे हैं.

विदेशियों सब्जियों से मुनाफा: राम प्रताप ने इन दिनों अपने खेतों में थाईलैंड के टमाटर, बटर नट और अन्य कई किस्म की सब्जियां उगाई है. राम प्रताप ने बताया कि अभी उसके खेतों में सभी विदेशी सब्जियों की पौध तैयार हो चुकी है और आने वाले महीने में उन पौध की रोपाई की जाएगी. वह अपने खेत में ऑर्गेनिक तरीके से इन फल और सब्जियों को उगाते हैं. रामप्रताप ने बताया कि वह ट्रेडिशनल खेती को छोड़कर पिछले कई सालों से फल सब्जियों की खेती कर रहे हैं. जिससे उनकी आमदनी तीन गुना हो गई है.

सब्जियों की देखरेख करना बहुत जरूरी

रोपाई से होती है अधिक पैदावार: रामप्रताप का कहना है कि थाईलैंड की मशहूर सब्जी माने जाने वाली बटर नट की खेती उन्होंने यहां 2 साल पहले शुरू की थी और इस बटर नट की डिमांड बड़े शहरों में ज्यादा है. बटर नट बढ़िया मुनाफा देने वाली सब्जी है. यह 50 रुपए प्रति किलो के भाव से मार्केट में बिकती है और उसे अपनी सब्जियां बेचने के लिए कहीं बाजार में नहीं जाना पड़ता. उसके फार्म से ग्राहक खुद ही सब्जियां खरीद कर ले जाते हैं. रामप्रताप अपने खेत में फल और सब्जियों की बुवाई न कर के उनकी पौध तैयार कर रोपाई की तकनीक से खेती करते हैं. जिससे पैदावार भी अधिक होती है और क्वालिटी भी बढ़िया बनती है.

विदेशियों की सराहना और सरकार से मिला सम्मान: किसान राम प्रताप की इस ऑर्गेनिक फार्मिंग को देखने के लिए इजरायल से आए कृषि वैज्ञानिक का डेलिगेशन भी पहुंचा था. रामप्रताप को कई बार हरियाणा सरकार द्वारा पुरस्कृत कर सम्मानित भी किया जा चुका है. इसके साथ साथ राष्ट्रपति से किसान रत्न का अवॉर्ड भी रामप्रताप को मिल चुका है. इस किसान ने अपने खेतों में अब तक तीन रंग के तरबूज उगाने की तकनीक विकसित की थी. इस बार भी रामप्रताप चार रंग के तरबूज उगाने के लिए पौध तैयार कर चुके हैं.

विदेशों तक हरियाणा की खेती की धाक

टमाटर से किसान को मुनाफा: इन दिनों रामप्रताप के फार्म हाउस पर थाईलैंड के चेरी टमाटर की भरमार है. आम टमाटर इन दिनों बाजार में 5 रुपए किलो के भाव से बिक रहा है. वहीं, इस किसान का टमाटर बाजार में 100 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है. थाईलैंड का ये चेरी टमाटर सब्जियों में नहीं बल्कि फ्रूट की दुकानों पर बिकता है.

रामप्रताप ने किसानों को दी सलाह: रामप्रताप का दूसरे किसानों को भी यही कहना है कि परंपरागत खेती को छोड़कर नई तकनीक के साथ खेती करते हैं तो परंपरागत खेती से होने वाले मुनाफे से कई गुना ज्यादा मुनाफा किसान कमा सकते हैं. सिर्फ उन्हें देखभाल की जरूरत है और फसलों को टाइम देने की जरूरत है. धान और गेहूं जैसी फसल को इतनी देखरेख की जरूरत नहीं पड़ती. इसलिए किसान इन फसलों को उगाता है. अगर किसान तकनीक के साथ जुड़कर फल और सब्जियों की खेती करेंगे तो अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. रामप्रताप की इस खेती को देखने के लिए अन्य किसान भी पहुंच रहे हैं.

बुवाई से नहीं रोपाई से होती है सब्जियों की बेहतर पैदावार

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