करनाल:हरियाणा के करनाल का सुल्तानपुर गांव अपनी खासियत के लिए हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. ये गांव संरक्षण की मिसाल बना हुआ है. साल 2020 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल NGT की शिकायत व कोर्ट के आदेश पर जो गांव का वेस्ट व गन्दा पानी सीधा ड्रेन में जा रहा था. उसको पंचायती राज ने बाईपास किया और 5 पौंड स्कीम के तहत जल का संरक्षण किया. वहीं, पानी आज खेती के लिए उपयोग किया जा रहा है. आज के मौजूदा समय में यहां का नजारा बहुत ही सुंदर बना हुआ है.
पर्यटन स्थल से कम नहीं फाइव पोंड सिस्टम: करनाल का सुल्तानपुर गांव की दो एकड़ जमीन पर बना फाइव पोंड सिस्टम पर आधारित तालाब पर्यटन स्थल से कम नहीं है. नीलोखेड़ी विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले सुल्तानपुर गांव ने स्वच्छता, सुरक्षा, जल एवं उर्जा संरक्षण के मामलों में कई शहरों को भी पीछे छोड़ दिया है. खास बात यह भी है कि इस गांव में कोई गुटबाजी नही है. आज तक इस गांव में किसी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज नहीं हुई है. गांव के विकास की बात आती है, तो हर कोई एक साथ खड़े होकर सहयोग करता है. गांव सुल्तानपुर जल संरक्षण में एक अलग ही मिसाल कायम कर चुका है.
संघर्षों के बाद बदली गांव की तस्वीर: गांव में पहले गंदा पानी सीधा ड्रेन में जा रहा था, जो कि कोर्ट के आदेशों की आवेलना भी माना जा रहा था. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल NGT द्वारा इस मुद्दे को उठाने के बाद साल 2020 के तत्कालीन सरपंच की सूझबूझ और गांव वासियों की कड़ी मेहनत और पंचायती राज के सहयोग से गांव की तस्वीर ही बदल गई. ग्रामीणों ने सरकार द्वारा निकाली गई.
फाइव पोंड स्कीम का फायदा उठाया और जिस गंदे पानी से गंदगी, बीमारियां और असुविधा थी. उसे कुछ इस तरह से विकसित कर दिखाया कि मानो यह कोई पर्यटन स्थल हो. करीब दो एकड़ भूमि पर खूबसूरत पार्क के बीच चार सरोवर बना दिए गए. जो आपस में जुड़े हुए है और आज के मौजूदा समय में यहां का नजारा बहुत ही सुंदर है. 2021 में यह प्रोजेक्ट बन कर पूर्ण रूप से तैयार हो गया. इस प्रोजेक्ट की वजह से गांव सुल्तानपुर की हर जगह तारीफ हो रही है.