श्रीनगर: उत्तराखंड में पलायन और बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है. रोजगार की तलाश में बड़ी संख्या में युवा दूसरे शहरों का रुख कर रहे हैं, जिससे यहां पलायन की समस्या खड़ी हो गई है, लेकिन अब वो मछली उत्पादन करके अपना और परिवार का भरण पोषण कर सकेंगे. दरअसल, एनसीडीसी के माध्यम से 11 लोगों के समूह को मत्स्य पालन से जोड़ने का प्रयास मत्स्य विभाग द्वारा किया जा रहा है. इसमें 60% सब्सिडी के बाद बाकी का अनुदान बीडीपी परियोजना के माध्यम से सीधे समूह की खाते में दिया जाएगा, जिसको 8 साल में वापस करने का प्रावधान किया गया है.
मत्स्य पालन को बढ़ाने पर दिया जा रहा जोर:जिला मत्स्य अधिकारी अभिषेक मिश्रा ने बताया कि पहले पहाड़ी काश्तकार मत्स्य पालन के लिए मिलने वाली सब्सिडी का लाभ नहीं उठा पा रहा था, क्योंकि 50 से 60% सब्सिडी के बावजूद 40% का योगदान उन्हें स्वयं वहन करना पड़ता था, जिसके लिए वे बैंकों या अलग माध्यमों से ऋण लिया करते थे. ऐसे में एनसीडीसी के माध्यम से 11 लोगों के समूह को मत्स्य पालन से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.