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मछली पालन करेगा 'मालामाल', सरकार दे रही 60% की सब्सिडी, जानिए कैसे उठाएं योजना का लाभ? - Fish farming in Uttarakhand

Fish farming in Uttarakhand पौड़ी जिले में मत्स्य विभाग की ओर से समूह के माध्यम से मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है. मत्स्य पालन पर जोर देने का उद्देश्य काश्तकारों की आजीविका में सुधार लाना है. मछली पालकों को 60% की सब्सिडी दी जाएगी.

Fish farming in Uttarakhand
पौड़ी में मत्स्य पालन पर जोर (Photo- IANS)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 29, 2024, 4:00 PM IST

Updated : Aug 29, 2024, 4:10 PM IST

मछली पालन करेगा 'मालामाल' (VIDEO-ETV Bharat)

श्रीनगर: उत्तराखंड में पलायन और बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है. रोजगार की तलाश में बड़ी संख्या में युवा दूसरे शहरों का रुख कर रहे हैं, जिससे यहां पलायन की समस्या खड़ी हो गई है, लेकिन अब वो मछली उत्पादन करके अपना और परिवार का भरण पोषण कर सकेंगे. दरअसल, एनसीडीसी के माध्यम से 11 लोगों के समूह को मत्स्य पालन से जोड़ने का प्रयास मत्स्य विभाग द्वारा किया जा रहा है. इसमें 60% सब्सिडी के बाद बाकी का अनुदान बीडीपी परियोजना के माध्यम से सीधे समूह की खाते में दिया जाएगा, जिसको 8 साल में वापस करने का प्रावधान किया गया है.

मत्स्य पालन को बढ़ाने पर दिया जा रहा जोर:जिला मत्स्य अधिकारी अभिषेक मिश्रा ने बताया कि पहले पहाड़ी काश्तकार मत्स्य पालन के लिए मिलने वाली सब्सिडी का लाभ नहीं उठा पा रहा था, क्योंकि 50 से 60% सब्सिडी के बावजूद 40% का योगदान उन्हें स्वयं वहन करना पड़ता था, जिसके लिए वे बैंकों या अलग माध्यमों से ऋण लिया करते थे. ऐसे में एनसीडीसी के माध्यम से 11 लोगों के समूह को मत्स्य पालन से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है.

अभी तक एक दर्जन से अधिक समूहों ने दिया आवेदन:अभिषेक मिश्रा ने बताया कि इस परियोजना के माध्यम से अधिक से अधिक मत्स्य पालक जनपद पौड़ी में इस योजना का हिस्सा बन सकेंगे. साथ ही समूह के माध्यम से वे अपनी आमदनी को कम लागत पर और मजबूत कर सकेंगे. अभी तक एक दर्जन से अधिक समूह द्वारा इसके लिए आवेदन किया जा चुका है, जबकि इस वर्ष विभाग द्वारा 20 समूह का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति इस बारे में जानकारी लेना चाहता है, तो वो मत्स्य विभाग के ऑफिस में आकर संपूर्ण जानकारी ले सकता है.

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Last Updated : Aug 29, 2024, 4:10 PM IST

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