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जितिया की पूर्वसंध्या बाजारों में रौनक, मड़ूआ, मछली और नोनी साग की हुई खूब बिक्री - Jitiya Vrat 2024

Jitiya festival in Deoghar. देवघर में जितिया पर्व को लेकर लोगों के साथ साथ बाजार में भी काफी उत्साह है. इस पर्व की पूर्वसंध्या पर मड़ूवा, मछली और नोनी साग की खूब बिक्री हुई. इस पर्व में इसका विशेष महत्व होता है.

Fish sales increased due to Jitiya festival in Deoghar
मछली और नोनी साग की तस्वीर (Etv Bharat)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 24, 2024, 11:00 PM IST

देवघर: भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में जितिया पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. जितिया पर्व के बारे में माना जाता है कि यह पर महिलाएं अपने बच्चों के लिए करती हैं. वहीं देवघर में भी जितिया पर्व को लेकर मंगलवार को सुबह से ही चहल-पहल देखने को मिली. देवघर के वीआईपी चौक और वीर कुंवर सिंह चौक पर मछली विक्रेताओं की भीड़ देखने को मिली. जितिया पर्व में मड़ूवा, मछली और नोनी साग का विशेष महत्व है. बाजार में इनकी बिक्री खूब हुई.

देवघर मंदिर के प्रसिद्ध पंडित बाबा झलक बताते हैं कि जितिया पर्व का पौराणिक कथाओं में रोचक कहानी है. बाबा झलक बताते हैं कि पौराणिक काल में एक चील और सियार हुआ करते थे. दोनों ने यह निर्णय लिया कि वह अपने बच्चों के लिए जितिया पर्व करेगी ताकि उनके बच्चे की आयु लंबी हो. लेकिन सियार ने जितिया पर्व को बीच में ही छोड़ दिया और चील ने बड़े श्रद्धा के साथ इसकी पूजा की.

जानकारी देते मछली विक्रेता (ETV Bharat)

अगले जन्म में चील और सियार इंसान के रूप में जन्म लिए और दोनों बड़ी और छोटी बहन के रिश्ते में लगती थीं. इंसान के रूप में जन्म लेने के बाद सियार का नाम कपूर्वावती था और चील का नाम शिलावती था. सियार ने जब इंसान के रूप में जन्म लिया तो उसके सात पुत्र हुए और सभी की मौत हो गई. लेकिन चील के सातों पुत्र स्वास्थ्य और दीर्घायु हुए. जब कपूर्वावती ने अपनी बहन शिलावती से पूछा कि तुम्हारे सातों पुत्र स्वस्थ और दीर्घायु हैं लेकिन उसके पुत्र की मौत हो जाती है.

इस पर शिलावती ने जवाब देते हुए कहा कि पूर्व जन्म में तुमने जितिया पर्व का अपमान किया था. इसलिए तुम्हें संतान सुख नहीं मिल पा रहा है. यह पर्व बहुत ही विधि-विधान से किया जाता है और इसे करने के लिए नियम निष्ठा का ख्याल रखना पड़ता है. बता दें कि बुधवार को जितिया पर्व है और उस दिन महिलाएं अपने संतान की लंबी उम्र के लिए दिनभर अन्न जल के बिना रहेंगी.

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