फिरोजाबाद : जिले के किसानों के लिए एक अच्छी खबर है. यहां के किसान उद्यान विभाग की हाईटेक नर्सरी मिनी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का लाभ लेकर अच्छी पौध लागत मूल्य पर हासिल कर सकते हैं. वैसे तो इस नर्सरी में विभिन्न फसलों की उन्नतशील किस्म तैयार की जाएगी, लेकिन इस बार ट्रायल के तौर पर मसाला और शिमला मिर्च की पौध तैयार की गई है. आपको बता दें कि यह पौध वैज्ञानिक पद्धति से तैयार होती है. फिरोजाबाद के दो ब्लॉकों में मिर्च की फसल की पैदावार बड़े पैमाने पर होती है.
जिला उद्यान अधिकारी संजीव कुमार वर्मा ने बताया कि औद्यानिक खेती की दृष्टि से फिरोजाबाद जनपद प्रदेश में विशिष्ट स्थान रखता है. यहां की प्रमुख फसल आलू है जो पूरे जनपद में होती है. जनपद में आलू का क्षेत्रफल 55 हजार हेक्टेयर है. इसके पश्चात दूसरी फसल मिर्च एवं तीसरी फसल शिमला मिर्च है, जो मुख्यतः विकास खण्ड- नारखी एवं टूण्डला में होती है. इसके अतिरिक्त लहसुन की खेती भी जसराना व एका विकास खण्ड में प्रमुखता से होती है.
जनपद में अधिकांश कृषकों के द्वारा शाकभाजी का उत्पादन किया जाता है, लौकी, तोरई, करेला, खीरा, खरबूज, तरबूज, फूलगोभी, पातगोभी, टमाटर, बैगन, भिण्डी, मूली, पालक, मैथी, सोया व धनिया इत्यादि का उत्पादन भी किया जाता है. जनपद में बागवानी फसलों में विशेषकर केला, एप्पल बेर, अमरूद वीएनआर बिही प्रजाति तथा नींबू का भी क्षेत्र विस्तार हो रहा है.
उन्होंने बताया कि अधिकांश सब्जी उत्पादन किसानों के पास आय के सीमित साधन होने के कारण व शेडनेट हाउस व ग्रीन हाउस का निर्माण कर उसमें संरक्षित तकनीक से सब्जी की पौध तैयार नहीं कर सकते हैं. जिससे कृषकों को शाकभाजी की उन्नत शील प्रजातियों की स्वस्थ पौध उचित दरों पर उपलब्ध न होने के कारण उन्हें आर्थिक हानि होती है. उन्होंने बताया कि उद्यान विभाग की हाईटेक नर्सरी सीडलिंग प्रोडक्शन इकाई (मिनी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) की दूरी फिरोजाबाद से मात्र आठ किलोमीटर है, जो एनएच-2 के निकट एवं पुलिस लाइन व विकास भवन मुख्यालय के बीच में स्थित है.
जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि जनपद फिरोजाबाद के कृषकों के सामने पौध उत्पादन में अत्यधिक वर्षा होने व ओलावृष्टि होने से रोग ग्रस्त पौध तैयार करने की समस्या थी, जिससे उनकी फसल के गुणवत्तायुक्त उत्पादन नहीं हो पाने के कारण उनको बाजार में फसल का उचित मूल्य प्राप्त नहीं होता था, जिससे उनको श्रम व धन की हानि होती थी.