कानपुर:देश में जब भी दशहरा या दीपावली होती है, तो आतिशबाजी होती है. दशहरे पर जहां रावण का पुतला फूंका जाता है और पटाखे छुड़ाए जाते हैं वहीं दीपावली तो पटाखे के लिए ही जानी जाती है. हालांकि इन पर्वों पर सबसे अधिक खतरा आगजनी का होता है.
अब कानपुर में कहीं पर भी आगजनी होने पर फौरन ही दमकल विभाग की ओर से जहां स्पेशल फायर बुलेट्स(एसएफबी) संकरे रास्तों के अंदर भी जाकर आग बुझा देंगी, वहीं अगर कहीं पर आगजानी का बड़ा मामला सामने आता है तो कानपुर में फायर क्विक रिस्पांस व्हीकल (एफक्यूआरवी) पहुंचकर दमकल कर्मी 35 से 40 मिनट तक लगातार फायर फाइटिंग कर सकेंगे.
कानपुर में दो फायर क्विक रिस्पांस व्हीकल भी दिए गए (Photo Credit- ETV Bharat) कानपुर के फायर सर्विस विभाग को जहां मुख्यालय से चार स्पेशल फायर बुलेट दी गई हैं. वहीं दो फायर क्विक रिस्पांस व्हीकल भी दिए गए हैं. इन दोनों ही वाहनों की अपनी अलग-अलग खासियत है और निश्चित तौर पर इन वाहनों के आ जाने से दमकल विभाग के कर्मियों ने भी अब राहत की सांस ली है और उनका ठोस दावा है कि अब कहीं पर भी आगजनी की घटना होती है तो वह इन वाहनों से पहुंचकर बहुत जल्द ही आग पर काबू पा लेंगे.
जानिए एफएसबी और एफक्यूआरवी की खासियत: इस मामले में चीफ फायर ऑफिसर दीपक शर्मा ने कहा कि स्पेशल फायर बुलेट में दोनों ओर 20-20 लीटर के वाटर टैंक जुड़े हैं. इसमें ही एक हाई प्रेशर पंप भी दिया गया है. यानी वॉटर टैंक के साथ जब हाई प्रेशर पंप होगा तो जो संकरे रास्तों वाली आगजनी की घटनाएं होती हैं, तो वहां स्पेशल फायर बुलेट से पहुंचकर दमकल कर्मी बहुत जल्द आग पर काबू पा सकेंगे.
उन्होंने कहा कि ट्रांसफार्मर फायर, गैस फायर, गैस लीकेज जैसे मामलों में अब हमें बहुत अधिक परेशानी नहीं होगी. इसी तरह सीएफओ दीपक शर्मा ने बताया कि फायर क्विक रिस्पांस वेहिकल में 750 लीटर का वॉटर टैंक है. साथ ही इसमें भी हाई प्रेशर पंप है जिसमें हम 35 से 40 मिनट तक लगातार फायर फाइटिंग कर सकते हैं और इतने ही अंतराल में दमकल की कई अन्य गाड़ियां भी आगजनी के मामलों में पहुंचकर सभी को राहत पहुंचा सकती हैं. उन्होंने बताया इस वेहिकल में लाइटिंग सिस्टम, के साथ ही ब्रीदिंग एप्रेटस और लैडर समेत अन्य उपकरण रखने की भी सुविधा प्रदान की गई है.
दो साल में 100 से अधिक बड़े मामले आए सामने छोटों की संख्या अपार:सीएफओ दीपक शर्मा ने बताया कानपुर में पिछले दो सालों की अगर बात करें तो 100 से अधिक आगजनी से जुड़े ऐसे बड़े मामले सामने आए. इनमें दमकल कर्मियों ने अपनी जान की बाजी लगाकर कई लोगों की जानें बचाईं. उन्होंने कहा कि इसमें कानपुर का बांसमंडी अग्निकांड भी शामिल था. इसके अलावा कानपुर में बाबूपुरवा, नौबस्ता, किदवई नगर समेत कई ऐसे अन्य इलाकों में आगजनी की बड़ी घटनाएं हुई, जहां पर लोगों को संभालना एक समय मुश्किल हो गया था.
उन्होंने कहा कि छोटे मामलों की संख्या यहां बहुत अधिक है.कानपुर की जनता को दमकल कर्मी हमेशा ही सुरक्षित रखेंगे. इसके लिए दमकल विभाग ने अपनी सारी तैयारियां पूरी कर रखी हैं. दमकल विभाग की ओर से रिस्पांस टाइम को भी लेकर लगातार कवायद की जा रही है और उसे बेहतर बनाया जा रहा है.
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