गोड्डाः भाजपा के प्रत्याशी निशिकांत दुबे गोड्डा लोकसभा सीट से लगातार चौथी बार चुनावी मैदान में हैं. निशिकांत वर्ष 2009, 2014 और 2019 में लोकसभा का चुनाव गोड्डा सीट से जीत चुके हैं, लेकिन निशिकांत की हर एक जीत के पीछे दो पूर्व सांसद दो दिग्गज की आपसी लड़ाई मुख्य वजह रही है. सबसे दिलचस्प बात यह है कि पहली दफा ये दोनों ही दिग्गज एक ही पार्टी कांग्रेस में हैं, लेकिन ये भी सच है कि ये दोनों दिग्गज भले एक दल में, लेकिन इनकी आपसी लड़ाई कम हुई हो इसकी संभावना कम ही है. क्योंकि दोनों के बयानों में यह साफ जाहिर होता रहा है.
इन दो दिग्गजों में एक पूर्व सांसद फुरकान अंसारी और दूसरे पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव हैं. फुरकान गोड्डा लोकसभा सीट से 2004 में चुनाव जीत चुके हैं. वहीं प्रदीप यादव लगातार पांच बार पोड़ैयाहाट के विधायक और 2002 का उपचुनाव जीत कर एक बार सांसद रह चुके हैं, लेकिन 2009 में निशिकांत दुबे जब भाजपा से टिकट लेकर चुनावी मैदान उतरे तो कांग्रेस के फुरकान अंसारी और झाविमो से प्रदीप यादव चुनावी अखाड़े में थे.
2009 का चुनाव परिणाम
- निशिकांत दुबे (भाजपा)189526
- फुरकान अंसारी (कांग्रेस)183119
- प्रदीप यादव (झाविमो)176926
2014 का चुनाव परिणाम
- निशिकांत दुबे (भाजपा) 380000
- फुरकान अंसारी (कांग्रेस) 319818
- प्रदीप यादव (झाविमो)193506
2019 चुनाव परिणाम
- निशिकांत दुबे (भाजपा) 637610
- प्रदीप यादव (झाविमो) 453383
2019 के चुनाव में गठबंधन के तहत झाविमो के खाते में आई थी गोड्डा सीट