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सावन के पांचवें और आखिरी सोमवार पर शिवालयों में उमड़ा भक्तों का रेला, हर ओर हर-हर महादेव की गूंज - SAWAN SOMWAR 2024

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 19, 2024, 11:10 AM IST

Updated : Aug 19, 2024, 12:15 PM IST

Fifth Somwar of Sawan 2024: सावन के आखिरी सोमवार पर सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ मंदिरों में देखी जा रही है. इस साल 22 जुलाई से श्रावण मास की शुरूआत हुई थी. 19 अगस्त को श्रावण मास की पूर्णिमा भी है, इसलिए बहनें आज भाई की कलाई पर राखी बांधकर रक्षाबंधन का त्योहार मना रही है.

सावन के पांचवें सोमवार पर मंदिरों में शिवभक्तों की भारी भीड़
सावन के पांचवें सोमवार पर मंदिरों में शिवभक्तों की भारी भीड़ (SOURCE: ETV BHARAT)

नई दिल्ली:आज सावन का पांचवा और आखिरी सोमवार है. राजधानी के तमाम मंदिरों में भोलेनाथ के भक्तों की भीड़ देखी जा रही है. झंडेवाला देवी मंदिर में सावन के पांचवें सोमवार को भगवान शंकर का रूद्राभिषेक किया गया. आज विशेष रूप से ऊपर व प्राचीन गुफा वाले शिवालय में भक्तों ने बड़ी श्रद्धा के साथ पूजन किया. प्राचीन गुफा वाले शिवालय में केवल उन्हीं भक्तों द्वारा अभिषेक करवाया गया, जिन्होंने इसकी पहले से बुकिंग की थी. ऊपर नए शिवालय में सुबह से ही भक्त भारी संख्या मे शिवलिंग पर दूध व जल चढ़ाते नजर आए. सावन मास के पहले सोमवार 22 जुलाई से 19 अगस्त अंतिम सोमवार तक प्रति दिन गुफा वाले शिवालय में पांच बार रुद्राभिषेक किया जा रहा है.

शिव भक्ति में लीन भक्त (SOURCE: ETV BHARAT)

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दूसरी ओर दिल्ली में यमुना किनारे लोहे के पुल से सटे नीली छतरी शिव मंदिर की बड़ी मान्यता है. यहां राजनीति जगत की बड़ी हस्तियां रुद्राभिषेक करने पहुंचती हैं. मंदिर के संयोजक मुकेश शर्मा ने बताया कि दिल्ली में एक मात्र नीली छतरी शिवालय है, जिस पर अभिषेक किया दूध और जल सीधा मां यमुना में जाता है. यही ऐसा शिवालय है, जहां सबसे अधिक रुद्राभिषेक होते हैं. महाराजा युधिष्ठिर ने मंदिर क्षेत्र का जीर्णोद्धार कराया था. पिछले साल यमुना में ऐतिहासिक बाढ़ आई, जिसमें मंदिर डूब गया, फिर भी बाहर सीढ़ियों पर खड़े होकर पूजा की गई. जब पानी कमर तक उतरा, तब अंदाजे से शिवलिंग पर अभिषेक किए गए.

सुबह से मंदिरों में भक्तों की लगी कतार (SOURCE: ETV BHARAT)

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घी के कनस्तर छोड़कर सब कुछ बह गया. मंदिर से गाद निकाली गई. सारे इलेक्ट्रॉनिक आइटम खराब हो गए. फिर से बिजली के सभी उपकरण ठीक कराए और रंग-रोगन हुआ. मंदिर के महंत मनीष शर्मा ने बताया कि ये दिल्ली के द्वापरयुग के 4 मंदिर कालकाजी, योगमाया, किलकारी, भैरा-दूधिया भैरों में से एक है. मंदिर के गुंबद में नीलम लगे थे, उस समय रात में जब चंद्रमा की किरणें पढ़ती थी, तब आकाश नीला हो जाता था. इसीलिए इसे नीली छतरी मंदिर कहते हैं. ऐसी मान्यता है कि इसी मंदिर में अश्वमेध यज्ञ को पूरा करके युधिष्ठिर चक्रवर्ती सम्राट यानी पूरे भारतवर्ष के राजा हुए.

शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ (SOURCE: ETV BHARAT)

बता दें कि 21 जुलाई से सावन का महीना शुरू हुआ था. इसमें पहला सोमवार 22 जुलाई को पड़ा था. वहीं सावन महीने का समापन 19 अगस्त आज हो रहा है. खास बात यह है कि इस माह में पांच सोमवार पड़े. इस बार सोमवार से शुरू होकर सोमवार के दिन ही सावन माह का समापन हुआ है.

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Last Updated : Aug 19, 2024, 12:15 PM IST

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