कानपुर: हनुमंत विहार थाना क्षेत्र के आशा नगर में 20 जून को युवक का रक्तरंजित शव मिलने के मामले में शनिवार को डीसीपी साउथ रविंद्र कुमार ने खुलासा कर दिया. युवक की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उसके पिता ने ही की थी. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के साथ तमाम साक्ष्य भी बरामद कर लिए हैं.
जानकारी बता दें कि बिल्हौर के रहने वाले सुभाष कारपेंटर था और अपने पिता राकेश विश्वकर्मा, पत्नी नंद कुमारी व दो बच्चों के साथ हनुमंत विहार थाना क्षेत्र के आशा नगर में रहता था. 16 जून को सुभाष की पत्नी अपने बच्चों के साथ मायके गई हुई थी. घर पर सुभाष व सुभाष के पिता थे. वहीं, 20 जून की रात को कमरे में सुभाष का रक्तरंजित हालत में शव मिला था. सूचना पर पहुंची पुलिस व फोरेंसिक टीम ने जांच पड़ताल की थी. इस दौरान सुभाष के पिता राकेश ने पुलिस को बताया था कि वह छत पर सो रहे थे. तभी अचानक देर रात बारिश शुरू होने लगी. बारिश होने पर सुभाष नीचे उतर आया जबकि वह छत पर ही सोता रहा. सुबह जब नीचे उतरा तो देखा कि बेटा रक्तरंजित हालत में अपने कमरे में पड़ा था.
पिता के बयान पर पुलिस को हुआ शक
डीसीपी साउथ रविंद्र कुमार ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि सुभाष के पिता राकेश के बयानो के बाद पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे और सर्विलेंस की मदद से जांच पड़ताल की. जिसमें पता चला कि बाहरी व्यक्ति कोई घर के अंदर नहीं आया. वहीं, मृतक सुभाष की पत्नी ने अपने ससुर राकेश और दोनों जेठों के खिलाफ तहरीर दी थी. सुभाष की तहरीर में आरोप लगाया था कि सास की मौत का जिम्मेदार उसके ससुर सुभाष को ही ठहराने लगे थे. कहते थे कि तुम लोगों की वजह से मेरी पत्नी की मौत हो गई. तुमको भी जिंदा नहीं छोडूंगा. राकेश अपनी पत्नी की मौत का दोषी तो सुभाष को मानता था.