कांकेर: जिले के 21 किसानों की 50 एकड़ जमीन पर धान की फसल बर्बाद होने की कगार पर है. बिजली समस्या के कारण पानी की किल्लत इन किसानों को झेलनी पड़ रही है. ऐसे में इन किसानों का धान का फसल बर्बाद हो रहा है.
बढ़ती जा रही किसानों की समस्या: दरअसल, कांकेर के कोयलीबेड़ा क्षेत्र के बदरंगी पटेलपारा में समूह की ओर से खेती के लिए 18 किसानों के लिए नव चेतना कृषक समिति को 2020 से विभिन्न विभागों द्वारा कई सुविधाएं मुहैया कराई गई थी. इसमें आरईएस के माध्यम से खेतों का घेरा, क्रेडा विभाग द्वारा सोलर पंप, कृषि विभाग की ओर से बोर खनन, उद्यानिकी विभाग की ओर से शेड निर्माण कराया गया. इसके जरिए समिति सामूहिक खेती के माध्यम से किसानों के जीवन स्तर को सुधार कर किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास कर रही थी. हालांकि सामूहिक खेती का दायरा जो 450 एकड़ में फैला है, धीरे-धीरे सिमटता जा रहा है.वहीं, किसानों की समस्या कम होने के बजाय बढ़ती जा रही है.
पानी की कमी से फसल हो रहा बर्बाद:इस साल गांव में कुल 21 किसानों ने लगभग 50 एकड़ भूमि पर धान का फसल लगाया है. दिसंबर जनवरी में लगाए इन फसलों में माह भर बाद ही पानी की समस्या बनी हुई है. किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. बिजली विभाग को कई बार सूचना पर ट्रांसफार्मर की आधी-अधूरी मरम्मत से अब किसान बोर नहीं चल पा रहे हैं. बोर न चलने से जमीन पर दरारें पड़ने लगी है. धान के फसल के लिए सोलर पम्प से पानी की पूर्ति नहीं हो पा रही है. मेंटनेंस के अभाव में अधिकतर किसानों के सोलर पंप भी खराब हो चुके हैं. ऐसे में अब इन किसानों की मांग है कि जल्द से जल्द उनकी पानी की समस्या दूर की जाए. इसके लिए लगातार किसान आवेदन कर रहे हैं.