लखनऊ : पीएम कुसुम योजना के तहत उत्तर प्रदेश में विभिन्न क्षमता के स्थापित निजी ऑनग्रिड पंप सोलराइजेशन के लिए जिन किसानों ने आवेदन किया था, अब 31 दिसंबर तक वे यूपीनेडा के पोर्टल पर अपना अंशदान जमा कर सकते हैं. इस योजना का लाभ 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर मिलेगा. ऐसे में जिन किसानों को सोलर पंप के लिए अनुदान चाहिए, वह 10 दिन में ऑनलाइन आवेदन कर अपने लिए सोलर पंप की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं. यूपीनेडा के पोर्टलhttp://upnedakusumc 1.in पर पूर्व में किए गए आवेदन के इच्छुक लाभार्थी किसान नया ऑनलाइन आवेदन पर अपना अंशदान जमा कर सकते हैं.
यूपीनेडा की तरफ से जारी गई की गई प्रेस रिलीज में बताया गया है कि पीएम कुसुम सी1 योजना के तहत साल 2024-25 में प्रदेश के लिए थ्री एचपी, फाइव एचपी, 7.5 एचपी और 10 एचपी के 1000 निजी मीटर्स ऑनग्रिड पंप के सोलराइजेशन का टारगेट रखा गया है. निजी मीटर्ड ऑन ग्रिड पंप के सोलराइजेशन के लिए विभिन्न क्षमताओं के संयंत्र लगाने के लिए किसान को अंशदान जमा करना होगा.
सोलर पंप के लिए 10 दिन में किसान जमा कर सकते हैं अपना अंशदान, यहां करना होगा आवेदन - PM KUSUM YOJANA
योजना का लाभ 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर मिलेगा. 31 दिसंबर तक यूपीनेडा के पोर्टल पर जमा कर सकते हैं अंशदान.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Dec 21, 2024, 2:03 PM IST
प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि थ्री एचपी पंप की क्षमता के लिए सोलर पावर प्लांट की क्षमता 4.5 किलो वाट होगी. इसके लिए किसानों को 23,900 का अनुदान जमा करना होगा. फाइव एचपी क्षमता के पंप के लिए 7:5 किलोवाट सोलर पावर प्लांट क्षमता की आवश्यकता होगी. इसके लिए 39,325 रुपये किसानों को जमा करना होगा. 7.5 एचपी पंप की क्षमता के लिए 11.2 किलोवाट सोलर पावर प्लांट की क्षमता होगी. इसके लिए 54,800 रुपये कृषक अंशदान जमा होगा. इसी तरह 10 एचपी पंप के लिए सोलर पावर प्लांट की क्षमता 14.9 किलोवाट होगी. इसके लिए किसान को 2,26,750 रुपये जमा करने होंगे.
बता दें कि केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से निजी ऑनग्रिड पंप सोलराइजेशन के लिए सब्सिडी दी जाती है. इनमें केंद्र सरकार की तरफ से 30 प्रतिशत अनुदान के अलावा अनुसूचित जनजाति वनटांगिया और मुसहर जाति के किसानों के लिए राज्य अनुदान 70 प्रतिशत होता है. अन्य श्रेणी के किसानों के लिए केंद्रीय अनुदान 30 प्रतिशत के अलावा राज्य अनुदान 60 प्रतिशत अनुमन्य है. सिर्फ 10 प्रतिशत ही अंशदान किसानों को देना होता है.
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