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नए साल पर इस मेडिकल कॉलेज में बढ़ी सुविधाएं, अब मरीजों को लखनऊ-दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा - MEERUT NEWS

मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में हेपेटाइटिस सी के बाद अब हेपेटाइटिस बी का भी इलाज शुरू होने जा रहा है.

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लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज (pic credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 2, 2025, 4:58 PM IST

मेरठ: जिले का लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज पश्चिमी यूपी का ऐसा संस्थान है, जहां एक साल में लगभग दस लाख से अधिक मरीज आते हैं. 40 हजार से ज्यादा अलग-अलग प्रकार के ऑपरेशन होते हैं. यहां वेस्ट यूपी के अलावा उत्तराखंड से भी बड़ी संख्या में मरीज उपचार कराने आते हैं. यहां नए साल पर सुविधाएं बढ़ने जा रही हैं.

पश्चिमी यूपी के मेरठ में स्थित लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज में लाखों मरीजों का ट्रीटमेंट हर साल करता है. इस मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा हुआ है. अब यहां वह सुविधाएं मिलेंगी, जो अब तक मरीजों को नहीं मिल पा रही थीं. मरीजों और तीमारदारों को या तो नोएडा, गाजियाबाद या दिल्ली के बड़े अस्पतालों का रुख करना होता था. इसमें मरीजों को न सिर्फ आर्थिक हानि होती थी, बल्कि उपचार में देरी पर कई बार जान भी गवानी पड़ती थी.

हेपेटाइटिस B का इलाज शुरू: मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर आरसी गुप्ता ने कहा कि नए साल से हेपेटाइटिस बी का भी इलाज यहां शुरू होने जा रहा है. अब हेपेटाइटिस के मरीजों की भी डायलिसिस यहां हो सकेगी. इसके अलावा जो नवजात हैं, उनको भी मुफ्त इम्युनोग्लोबुलिन वैक्सीन अब लगेगी.

लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने दी जानकारी (video credit- ETV Bharat)

साथ ही अब डायलिसिस और सीटी स्कैन के लिए भी मरीजों को परेशान नहीं होना पड़ेगा. अस्पताल में हेपेटाइटिस मरीजों की डायलिसिस के साथ ही इमरजेंसी में नई सीटी स्कैन मशीन लग गई है. इसके साथ ही हेपेटाइटिस बी से संक्रमित महिला के बच्चे को संक्रमण से बचाने के लिए इम्युनोग्लोबुलिन वैक्सीन यहां जल्द ही मुफ्त लगायी जाएंगी.

इसे भी पढ़ें - हैलट में 349 करोड़ रुपये से बनने वाले एपेक्स ट्रामा सेंटर में मिलेगी एयर एंबुलेंस की सुविधा, 5 कंपनियों ने दिया प्रजेंटेशन - Air ambulance facility in Hallett - AIR AMBULANCE FACILITY IN HALLETT


मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता ने कहा कि मेरठ मेडिकल वेस्ट यूपी का हेपेटाइटिस का नोडल सेंटर है. यहां 15 से अधिक आसपास के जिलों के मरीजों का भी इलाज किया जाता है, अभी तक यहां हेपेटाइटिस सी का इलाज होता था. हेपेटाइटिस बी संक्रमित मां के बच्चे को जो इम्युनोग्लोबुलिन वैक्सीन मुफ्त लगाई जानी होती है. वह वैक्सीन बच्चे के जन्म के 24 घंटे के भीतर लगानी होती है, इससे उसमें हेपेटाइटिस संक्रमण का खात्मा संभव होता है.

इम्युनोग्लोबुलिन वैक्सीन होगी उपलब्ध: प्रिंसिपल ने बताया कि हेपेटाइटिस के नोडल ऑफिसर डॉ. अरविंद कुमार हैं, जो उनकी देखरेख में यहां मरीजों को बेहतर उपचार का प्रयास किया जा रहा है. डॉक्टर अरविन्द ने कहा कि इम्युनोग्लोबुलिन वैक्सीन अभी लखनऊ या दिल्ली में ही उपलब्ध है. निजी अस्पतालों में इस वैक्सीन का खर्च 10 से 15 हजार रुपये आता है.

कम खर्चे में होगा इलाज: गुर्दा रोग विभागाध्यक्ष डॉ. निधि गुप्ता ने बताया कि हेपेटाइटिस के मरीजों की डायलिसिस अब यहां हो सकेगी. इसके लिए नेफ्रोलॉजी विभाग में भी दो मशीनें अलग से अब लगाई जा चुकी हैं. विभाग के पास 6 मशीनें हैं. दो मशीनों पर अब सिर्फ हेपेटाइटिस संक्रमित की डायलिसिस होगी. यहां एक बार की डायलिसिस का खर्च मरीज का 400 रुपये आएगा. जबकि, अगर ऐसे मरीजों को बाहर कहीं यह सुविधा लेनी है, तो उन्हें दो हजार से ज्यादा रुपये खर्च करने होते हैं. अब टेली आईसीयू में भर्ती मरीजों की वेंटिलेटर पर ही डायलिसिस होने लगी है.

डॉ. निधि गुप्ता ने कहा कि अब मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी में सीटी स्कैन और एंजियोग्राफी की सुविधा भी मरीज को मिलेगी. इमरजेंसी और सुपर स्पेशलिटी विभाग में भर्ती के लिए अब मरीजों को परेशान नहीं होना पड़ेगा. काफी दूरी दोनों विभाग के बीच थी. ऐसे में नई मशीन लगने से ऐसे मरीजों को काफी राहत मिलेगी.

मेडिकल कॉलेज के रेडियोलॉजी विभाग में अध्यक्ष डॉ. ने बताया कि नई मशीन में समय कम लगने के साथ ही रेडिएशन का खतरा भी बेहद कम होगा. जो नई मशीन लगायी गयी है, यह कई मायने में अलग है. इसे एक मिनट में 128 पिक्चर निकाली जा सकती हैं. इतना ही नहीं, उनकी इमेज की क्वॉलिटी भी बेहतर होगी. इस मशीन के माध्यम से एंडोमायोकार्डियल बायोप्सी जैसी आधुनिक जांच भी अब कर सकेंगे.

यह भी पढ़ें - मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर्स ने सामूहिक तौर पर दिया इस्तीफा; स्ट्राइक पर बैठे, मारपीट की घटना से है नाराजगी - Junior doctors on strike in Meerut - JUNIOR DOCTORS ON STRIKE IN MEERUT

मेरठ: जिले का लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज पश्चिमी यूपी का ऐसा संस्थान है, जहां एक साल में लगभग दस लाख से अधिक मरीज आते हैं. 40 हजार से ज्यादा अलग-अलग प्रकार के ऑपरेशन होते हैं. यहां वेस्ट यूपी के अलावा उत्तराखंड से भी बड़ी संख्या में मरीज उपचार कराने आते हैं. यहां नए साल पर सुविधाएं बढ़ने जा रही हैं.

पश्चिमी यूपी के मेरठ में स्थित लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज में लाखों मरीजों का ट्रीटमेंट हर साल करता है. इस मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा हुआ है. अब यहां वह सुविधाएं मिलेंगी, जो अब तक मरीजों को नहीं मिल पा रही थीं. मरीजों और तीमारदारों को या तो नोएडा, गाजियाबाद या दिल्ली के बड़े अस्पतालों का रुख करना होता था. इसमें मरीजों को न सिर्फ आर्थिक हानि होती थी, बल्कि उपचार में देरी पर कई बार जान भी गवानी पड़ती थी.

हेपेटाइटिस B का इलाज शुरू: मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर आरसी गुप्ता ने कहा कि नए साल से हेपेटाइटिस बी का भी इलाज यहां शुरू होने जा रहा है. अब हेपेटाइटिस के मरीजों की भी डायलिसिस यहां हो सकेगी. इसके अलावा जो नवजात हैं, उनको भी मुफ्त इम्युनोग्लोबुलिन वैक्सीन अब लगेगी.

लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने दी जानकारी (video credit- ETV Bharat)

साथ ही अब डायलिसिस और सीटी स्कैन के लिए भी मरीजों को परेशान नहीं होना पड़ेगा. अस्पताल में हेपेटाइटिस मरीजों की डायलिसिस के साथ ही इमरजेंसी में नई सीटी स्कैन मशीन लग गई है. इसके साथ ही हेपेटाइटिस बी से संक्रमित महिला के बच्चे को संक्रमण से बचाने के लिए इम्युनोग्लोबुलिन वैक्सीन यहां जल्द ही मुफ्त लगायी जाएंगी.

इसे भी पढ़ें - हैलट में 349 करोड़ रुपये से बनने वाले एपेक्स ट्रामा सेंटर में मिलेगी एयर एंबुलेंस की सुविधा, 5 कंपनियों ने दिया प्रजेंटेशन - Air ambulance facility in Hallett - AIR AMBULANCE FACILITY IN HALLETT


मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता ने कहा कि मेरठ मेडिकल वेस्ट यूपी का हेपेटाइटिस का नोडल सेंटर है. यहां 15 से अधिक आसपास के जिलों के मरीजों का भी इलाज किया जाता है, अभी तक यहां हेपेटाइटिस सी का इलाज होता था. हेपेटाइटिस बी संक्रमित मां के बच्चे को जो इम्युनोग्लोबुलिन वैक्सीन मुफ्त लगाई जानी होती है. वह वैक्सीन बच्चे के जन्म के 24 घंटे के भीतर लगानी होती है, इससे उसमें हेपेटाइटिस संक्रमण का खात्मा संभव होता है.

इम्युनोग्लोबुलिन वैक्सीन होगी उपलब्ध: प्रिंसिपल ने बताया कि हेपेटाइटिस के नोडल ऑफिसर डॉ. अरविंद कुमार हैं, जो उनकी देखरेख में यहां मरीजों को बेहतर उपचार का प्रयास किया जा रहा है. डॉक्टर अरविन्द ने कहा कि इम्युनोग्लोबुलिन वैक्सीन अभी लखनऊ या दिल्ली में ही उपलब्ध है. निजी अस्पतालों में इस वैक्सीन का खर्च 10 से 15 हजार रुपये आता है.

कम खर्चे में होगा इलाज: गुर्दा रोग विभागाध्यक्ष डॉ. निधि गुप्ता ने बताया कि हेपेटाइटिस के मरीजों की डायलिसिस अब यहां हो सकेगी. इसके लिए नेफ्रोलॉजी विभाग में भी दो मशीनें अलग से अब लगाई जा चुकी हैं. विभाग के पास 6 मशीनें हैं. दो मशीनों पर अब सिर्फ हेपेटाइटिस संक्रमित की डायलिसिस होगी. यहां एक बार की डायलिसिस का खर्च मरीज का 400 रुपये आएगा. जबकि, अगर ऐसे मरीजों को बाहर कहीं यह सुविधा लेनी है, तो उन्हें दो हजार से ज्यादा रुपये खर्च करने होते हैं. अब टेली आईसीयू में भर्ती मरीजों की वेंटिलेटर पर ही डायलिसिस होने लगी है.

डॉ. निधि गुप्ता ने कहा कि अब मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी में सीटी स्कैन और एंजियोग्राफी की सुविधा भी मरीज को मिलेगी. इमरजेंसी और सुपर स्पेशलिटी विभाग में भर्ती के लिए अब मरीजों को परेशान नहीं होना पड़ेगा. काफी दूरी दोनों विभाग के बीच थी. ऐसे में नई मशीन लगने से ऐसे मरीजों को काफी राहत मिलेगी.

मेडिकल कॉलेज के रेडियोलॉजी विभाग में अध्यक्ष डॉ. ने बताया कि नई मशीन में समय कम लगने के साथ ही रेडिएशन का खतरा भी बेहद कम होगा. जो नई मशीन लगायी गयी है, यह कई मायने में अलग है. इसे एक मिनट में 128 पिक्चर निकाली जा सकती हैं. इतना ही नहीं, उनकी इमेज की क्वॉलिटी भी बेहतर होगी. इस मशीन के माध्यम से एंडोमायोकार्डियल बायोप्सी जैसी आधुनिक जांच भी अब कर सकेंगे.

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