फरीदाबाद:हरियाणा में फरीदाबाद जिला कोर्ट ने महिला के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले में दोषी को फांसी की सजा सुनाई है. फरीदाबाद कोर्ट के सेशन जज पुरुषोत्तम कुमार की कोर्ट ने दोषी मनोज को धारा 302 और 376 आईपीसी में दोषी करार देते हुए फांसी की सजा तथा उस पर 1 लाख 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. मामले में आरोपी ने 2022 में दिव्यांग महिला के साथ पहले दुष्कर्म किया उसके बाद उसके प्राइवेट पार्ट में रॉड डाल दी. इसके बाद दोषी ने महिला का गला घोंटकर उसकी निर्मम हत्या कर दी थी.
दिव्यांग महिला के साथ बर्बरता: बता दें कि नवंबर साल 2022 का है. फरीदाबाद में सेक्टर सात थाने इलाके में एक खंडहर जगह पर महिला का शव मिला था. जिसकी जानकारी किसी अनजान व्यक्ति ने पुलिस को दी थी. मौके पर पहुंची पुलिस ने साक्ष्य जुटाए और मामले की गहनता से जांच की. हालांकि इस मामले में कोई चशमदीद गवाह न होने की वजह से पुलिस और क्राइम ब्रांच को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. जांच टीमों ने सीसीटीवी कैमरे खंगाले और आरोपी को ढूंढने में जुट गई. क्राइम ब्रांच ने अपने स्रोत से पता किया कि आरोपी मनोज भारत के बॉर्डर से नेपाल जाने की फिराक में है. तभी भारत-नेपाल बॉर्डर पर आरोपी को गिरफ्तार किया गया.
दोषी ने रेप के बाद पीड़िता की निर्मम हत्या की: पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह नेपाल का रहने वाला है. नेपाल जाने की फिराक में था. उसने बताया कि दिव्यांग महिला अपने पति को बिन बताए न्यू टाउन रेलवे स्टेशन पहुंच गई थी. जहां उस महिला को मनोज मिला. मनोज ने महिला के साथ बातचीत शुरू की और दुष्कर्म के मकसद से उसे अपने साथ खंडहर पार्क में लेकर पहुंचा. जहां उसने वारदात को अंजाम दिया.
पुलिस का काम सराहनीय: मामले में कोई गवाह नहीं था, लेकिन धीरे-धीरे केस की परतें खुलती गई. सीसीटीवी कैमरा खंगाले गए और मामले में करीब 22 लोगों ने गवाही दी. पूरे मामले में 12 तारीख पड़ी है. फरीदाबाद कोर्ट ने मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि महिला मानसिक रूप से दिव्यांग थी. महिला के साथ जघन्य अपराध हुआ है. उसके साथ बर्बरता की गई. इसलिए दोषी को किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जा सकता. जिसके बाद जज ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई. खास बात ये कि इस मामले में पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीमों ने बेहतर काम किया, दोषी को फांसी तक पहुंचाया. जिसके चलते पुलिस के आला अधिकारियों को पुरस्कृत भी किया गया था.