कैथल: अवैध तरीके से अमेरिका गए भारतीयों को डिपोर्ट करने का सिलसिला अभी जारी है. शनिवार को अमेरिका से दूसरा जहाज पंजाब के अमृतसर पहुंचा था. इस जहाज में हरियाणा के 33 लोग शामिल थे. जिसमें से 9 लोग करनाल से और दो लोग कुरुक्षेत्र के थे. इसी जहाज में कैथल के भी 7 लोग वापस पहुंचे हैं. कैथल में गांव माजरा के रहने वाले मनदीप सिंह को भी डिपोर्ट कर भारत भेज दिया गया. मनदीप ने मीडिया से अपनी अपनी आपबीती बताई है.
जमीन बेची-लाखों का कर्ज लिया: अमेरिका से डिपोर्ट हुए मनदीप ने बताया कि उसका परिवार खेती बाड़ी करता है. उसने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की है. उसने पहले कई बार स्टडी बेस पर बाहर जाने की कोशिश की थी. लेकिन वह जा नहीं पाया. जिसके चलते वह डोंकी के जरिए अमेरिका गया था. लेकिन उसको डिपोर्ट करके वापस भेज दिया गया है. मनदीप ने बताया कि उसने एक एकड़ अपनी जमीन बेची थी. कुछ रिश्तेदारों से पैसे ब्याज पर उठाए थे. उसने सोचा था कि अमेरिका जाकर अपने परिवार की हालत में सुधार करेगा. लेकिन उसको नहीं पता था कि उसको वापस भेज दिया जाएगा. अमेरिका जाने के लिए उसने 40 लाख रुपये एजेंट को दिए थे.
काफी प्रताड़ना के बाद पहुंचा अमेरिका: मनदीप ने बताया कि जब उसकी करीब 5 माह पहले एजेंट से बात हुई थी. तब एजेंट ने कहा था कि एक महीने में ही अमेरिका भेज दिया जाएगा. उसने सोचा की ट्रंप की सरकार बनने से पहले ही वह अमेरिका चला जाएगा. लेकिन उसको अमेरिका जाने में 5 माह का समय लग गया. मनदीप ने बताया कि उसको अमेरिका जाने में 5 माह लग गए, जबकि एक माह में अमेरिका पहुंचने की बात एजेंट से हुई थी. उसको कई देश से होकर अमेरिका भेजा गया. जहां पर उसने जंगलों-नदियों से होकर अमेरिका तक का रास्ता तय किया था. रास्ते में उनको खाने-पीने की भी काफी समस्या रही. लेकिन उसके बावजूद वह कड़ी मुश्किलों के बाद अमेरिका पहुंचा था. जिसके चलते उसकी कई तरह की प्रताड़ना भी सहनी पड़ी थी.
अमेरिका पहुंचते ही पुलिस ने किया गिरफ्तार: मनदीप ने बताया कि जैसे ही वह 5 माह बाद अमेरिका के बॉडर पर पहुंचे तो उसने अमेरिका की दीवार क्रॉस कर अमेरिका में एंट्री की, तभी उसको वहां की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उसको डिटेंशन सेंटर में डाल दिया गया. वहां पर 20-22 दिन तक रखा. जिसके बाद अमेरिका से डिपोर्ट कर अमृतसर फ्लाइट में भेजा गया. अब वह घर पहुंच गया है.
पीड़ित ने एजेंट पर लगाए आरोप: मनदीप ने कहा कि एजेंट ने उसे झूठ कहकर अमेरिका भेजा. एक महीने के समय में अमेरिका पहुंचने को कहा था, जबकि 5 माह का समय लग गया. साथ ही उसके 40 लाख रुपये भी खर्च हो गए, जिसमें उसने अपनी जमीन बेच दी और ब्याज पर भी पैसा उठाया. अब परिवार में मायूसी छाई हुई है. उसने कहा कि बाहर भेजने वाले एजेंट के खिलाफ वह कार्रवाई कराना चाहते हैं. ताकि उसका पैसा वापस आ सके. यह अकेले मनदीप की कहानी नहीं है, ऐसे बहुत से भारतीय युवा है जो विदेश में पैसा कमाने का सपना लिए अमेरिका गए थे. लेकिन उनको अमेरिका से डिपोर्ट किया गया है.
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