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पीलीभीत एनकाउंटर में ढेर खालिस्तानी आतंकियों के मंसूबे से अनजान थे परिजन, कहा-तीनों अच्छे दोस्त थे - PUNJAB AND UP POLICE ENCOUNTER

एनकाउंटर में ढेर तीनों आतंकियों के परिजन पंजाब पुलिस के साथ पीलीभीत पहुंचे, कहा- घटना के संबंध में कोई भी जानकारी नहीं

पीलीभीत पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे आतंकियों के परिजन.
पीलीभीत पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचे आतंकियों के परिजन. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 24, 2024, 6:04 PM IST

पीलीभीत: पंजाब पुलिस और पीलीभीत पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में ढेर हुए तीनों आतंकियों के परिजन पीलीभीत पहुंच गए हैं. सूचना मिलने के बाद पंजाब पुलिस के साथ मंगलवार को सुबह पोस्टमार्टम हाउस पहुंचते ही परिजनों के आंखों में आंसू छलक आए. इस दौरान आतंकियों के परिजनों ने घटना के संबंध में कोई भी जानकारी होने से इनकार कर दिया. परिजन बस इतना ही कहते रहे कि उन्हें कुछ नहीं पता, उनके बच्चे ऐसे नहीं थे.
पंजाब में पुलिस चौकी पर ग्रेनेड से किया था हमलाःदरअसल, पंजाब के गुरदासपुर जिले की एक पुलिस चौकी पर ग्रेनेड से हमला करने वाले गुरविंदर सिंह जसनप्रीत सिंह और वीरेंद्र सिंह के पीलीभीत में होने की सूचना पंजाब पुलिस ने सोमवार सुबह पीलीभीत पुलिस को दी थी. जिसके बाद दोनों टीमों ने संयुक्त ऑपरेशन चलते हुए घेराबंदी की. इस दौरान पुलिस पर आतंकवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में तीनों आरोपियों को गोली लग गई, जिससे उनकी मौत हो गई.
जश्नप्रीत के पिता बोले, मुझे कुछ नहीं पताःपुलिस मुठभेड़ में मारे गए आतंकी जश्नप्रीत के पिता स्वरूप सिंह ने बताया कि उनके पांच बच्चे हैं, जिसमें जश्नप्रीत परिवार का लाडला है. उनका बेटा जश्नप्रीत मंगलवार को ही घर से निकला था. गांव के ही रहने वाले गुरमीत सिंह के साले वीरेंद्र सिंह से उनके बेटे की दोस्ती थी. तीनों लोग एक ही गांव के रहने वाले भी नहीं है. लेकिन कभी-कभी एक साथ मिल लिया करते थे. विदेशी नंबर से फोन आने की बात को परिजनों ने साफ इनकार कर दिया. जश्नप्रीत के पिता ने कहा कि उनका बेटा पढ़ा लिखा नहीं था, उसे अपना नंबर याद नहीं था तो वह विदेशी नंबर क्या जानेगा.
बहन के गांव में वीरेंद्र सिंह और जश्नप्रीत में हुई थी दोस्तीःगुरमीत सिंह ने कहा कि उनका साला वीरेंद्र सिंह अपनी बहन से मिलने के लिए घर आता जाता था. इस दौरान उसकी उनके गांव के रहने वाले जश्नप्रीत से दोस्ती हो गई थी. दोनों अक्सर एक साथ देखे जाते थे. लेकिन कभी ऐसी कोई संदिग्ध गतिविधि देखने को नहीं मिली, जिससे यह पता लगे कि उनके बच्चे किसी ऐसे नेटवर्क के संपर्क में है.
बेटे गुरविंदर ने नहीं किया पुलिस चौकी पर हमलाःगुरदेव सिंह ने कहा कि वह दिहाड़ी मजदूरी करते हैं. चार-पांच दिन पहले उनका बेटा गुरविंदर घर से निकला था, अपनी मां से गुरविंदर ने कहा था कि मैं घूमने जा रहा हूं. कुछ देर बाद जब उसको फोन किया गया तो उसने अभी आ जाने की बात कही. इसके बाद अचानक उसका फोन स्विच ऑफ हो गया. इसके बाद गुरविंदर का कुछ पता नहीं लगा. सोमवार को पंजाब पुलिस का एक सिपाही उनके घर पहुंचा और उन्हें उनके बेटे के मुठभेड़ में मारे जाने की सूचना दी. गुरदेव ने कहा कि उनके बेटे ने किसी पुलिस चौकी पर हमला नहीं किया. क्योंकि अगर ऐसा किया गया होता तो पुलिस उनके घर आती लेकिन सोमवार से पहले उनसे कभी संपर्क नहीं किया.परिजनों के साथ पंजाब की फोरेंसिक पुलिस वैन भी मौके पर पहुंची है. जो घटना के संबंध में तमाम सबूत जुटा रही है. इसके साथ ही पंजाब पुलिस और पीलीभीत पुलिस के तमाम अधिकारी घटना की संयुक्त जांच कर रहे हैं.

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