उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

फर्जी हलाल सर्टिफिकेट जारी करने का मामला, कोर्ट ने मौलाना हबीब समेत चार को जमानत से किया इंकार

फर्जी हलाल सर्टिफिकेट जारी करने के मामले में बुधवार को अदालत ने मौलाना हबीब समेत चार को जमानत से इंकार (Lucknow court denies bail to four including Maulana Habib) कर दिया.

Etv Bharat
Etv Bharat

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 6, 2024, 8:27 PM IST

लखनऊ:मजहब विशेष के ग्राहकों को मजहब के नाम से फर्जी हलाल प्रमाण पत्र जारी करने के आरोपी मौलाना हबीब यूसुफ पटेल, मोहम्मद ताहिर जाकिर चौहान, मोहम्मद अनवर मोहम्मद अली खान एवं मुदस्सिर मोहम्मद इकबाल सपाडिया की अलग-अलग जमानत अर्जियों को सीबीआई की विशेष न्यायाधीश मीना श्रीवास्तव ने खारिज कर दिया है.

जमानत अर्जी का विरोध करते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज त्रिपाठी ने अदालत को बताया कि सभी आरोपी संगठन के क्रमशः अध्यक्ष, महासचिव, कोषाध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष हैं. उन्होंने अदालत को बताया कि गत 17 नवंबर 2023 को हजरतगंज कोतवाली के प्रभारी शैलेंद्र कुमार शर्मा ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी जिसमें उन्होंने कहा कि कुछ कंपनियां जैसे हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल आफ इंडिया मुंबई, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुंबई आदि ने मजहब विशेष के ग्राहकों को मजहब के नाम से कुछ उत्पादों पर हलाल प्रमाण पत्र प्रदान कर उनकी बिक्री बढ़ाने के लिए आर्थिक लाभ लेकर छल करते हुए विभिन्न उत्पादकों के लिए हलाल प्रमाण पत्र निर्गत किया है.

जमानत के विरोध में बताया गया कि बिना किसी अधिकार के कूटरचित दस्तावेज के द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र के माध्यम से इन कंपनियों द्वारा अनुचित लाभ लिया जा रहा है तथा जन आस्था के साथ खिलवाड़ भी किया जा रहा है.बहस के दौरान अदालत को बताया गया कि सभी आरोपियों को मुम्बई से गिरफ्तार कर गत 13 फरवरी को अदालत के समक्ष पेश किया गया था. बहस के दौरान डीजीसी मनोज त्रिपाठी ने बताया कि आरोपी प्रति सर्टिफिकेट दस हजार रुपए फीस लेते थे तथा एक हजार रुपए प्रति प्रोडक्ट फीस अलग से ली जाती थी.

यह भी बताया गया कि आरोपियों ने वर्ष 2016 में हलाल नामक संस्था प्रारंभ की थी तब से कथित प्रमाण पत्र जारी कर अनैतिक रूप से आर्थिक लाभ प्राप्त किया जा रहा है. उनके इस कृत्य का भार जनता को वहन करना पड़ रहा है. अदालत कोई यह भी बताया गया कि आरोपियों ने कंपनियां के उत्पादन के लिए फर्जी कूट रचित प्रमाण पत्र जारी कर जन आस्था के साथ खिलवाड़ किया है.

ये भी पढ़ें- पोस्टमार्टम हाउस में बदली डेडबॉडी, बेटी का शव लेने घाट पहुंचा तो हो चुका था अंतिम संस्कार, राख ही मिली

ABOUT THE AUTHOR

...view details