प्रयागराजः यूपीपीसीएस जे 2022 का संशोधित परिणाम जारी करने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सवाल उठाया है. कोर्ट ने इस मामले में प्रदेश सरकार को भी अपना नजरिया स्पष्ट करने का निर्देश दिया है. संशोधित परिणाम में दो चयनित अभ्यर्थियों को बाहर कर दिया गया है तथा दो नए अभ्यर्थियों के चयन की संस्तुति की गई है. पीसीएस जे अभ्यर्थी श्रवण पांडे की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एसडी सिंह और न्यायमूर्ति डी रमेश की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि हालांकि याची द्वारा उठाए गए मुद्दों पर अभी कोर्ट को विचार करना है.
प्रदेश सरकार को पक्ष रखने का निर्देशःयाचिका के अनुसार, लोक सेवा आयोग ने स्वत संज्ञान लेते हुए पीसीएस जे 2022 का संशोधित परिणाम 30 अगस्त 2024 को जारी कर दिया. राज्य सरकार को भी इस संबंध में 4 सितंबर 2024 को जानकारी प्रेषित कर दी गई है. लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता ने इस पत्राचार के प्रति अदालत के समक्ष प्रस्तुत की. कोर्ट ने कहा कि इससे पता चलता है कि आयोग द्वारा स्वत संज्ञान लेकर परिणाम को संशोधित कर दिया गया है. जिसमें दो अभ्यर्थियों के चयन को निरस्त कर दिया गया और दो अन्य अभ्यर्थियों के चयन की संस्तुति की गई. जिन दो व्यक्तियों का चयन निरस्त किया गया है, उन्होंने भी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी है.
आयोग के कदम पर गंभीरता से विचार की आवश्यकताःकोर्ट ने कहा कि लोक सेवा आयोग द्वारा अंतिम चयन परिणाम और नियुक्ति पत्र जारी होने के बाद जबकि चयनित अभ्यर्थी सेवा में भी आ चुके हैं. स्वत संज्ञान लेकर नया परिणाम घोषित करना प्रथम दृष्टया एक गंभीर मामला है. यदि आयोग के समक्ष यह रास्ता खुला है तो इस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है. कोर्ट ने कहा कि लेकिन इससे पहले हम प्रदेश सरकार का नजरिया जानना चाहते हैं. कोर्ट ने प्रमुख सचिव नियुक्ति को इस मामले में स्पष्ट और लिखित जानकारी देने का निर्देश दिया है.