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UP PCS J-2022; संशोधित परिणाम जारी करने पर आयोग की कार्यशैली पर हाईकोर्ट ने उठाया सवाल - UP Public Service Commission

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर यूपीपीसीएस जे 2022 का संशोधित परिणाम जारी करने पर लोक सेवा आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाया है. कोर्ट ने कहा कि यह गंभीर मामला है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 6, 2024, 10:47 PM IST

प्रयागराजः यूपीपीसीएस जे 2022 का संशोधित परिणाम जारी करने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सवाल उठाया है. कोर्ट ने इस मामले में प्रदेश सरकार को भी अपना नजरिया स्पष्ट करने का निर्देश दिया है. संशोधित परिणाम में दो चयनित अभ्यर्थियों को बाहर कर दिया गया है तथा दो नए अभ्यर्थियों के चयन की संस्तुति की गई है. पीसीएस जे अभ्यर्थी श्रवण पांडे की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एसडी सिंह और न्यायमूर्ति डी रमेश की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि हालांकि याची द्वारा उठाए गए मुद्दों पर अभी कोर्ट को विचार करना है.

प्रदेश सरकार को पक्ष रखने का निर्देशःयाचिका के अनुसार, लोक सेवा आयोग ने स्वत संज्ञान लेते हुए पीसीएस जे 2022 का संशोधित परिणाम 30 अगस्त 2024 को जारी कर दिया. राज्य सरकार को भी इस संबंध में 4 सितंबर 2024 को जानकारी प्रेषित कर दी गई है. लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता ने इस पत्राचार के प्रति अदालत के समक्ष प्रस्तुत की. कोर्ट ने कहा कि इससे पता चलता है कि आयोग द्वारा स्वत संज्ञान लेकर परिणाम को संशोधित कर दिया गया है. जिसमें दो अभ्यर्थियों के चयन को निरस्त कर दिया गया और दो अन्य अभ्यर्थियों के चयन की संस्तुति की गई. जिन दो व्यक्तियों का चयन निरस्त किया गया है, उन्होंने भी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी है.

आयोग के कदम पर गंभीरता से विचार की आवश्यकताःकोर्ट ने कहा कि लोक सेवा आयोग द्वारा अंतिम चयन परिणाम और नियुक्ति पत्र जारी होने के बाद जबकि चयनित अभ्यर्थी सेवा में भी आ चुके हैं. स्वत संज्ञान लेकर नया परिणाम घोषित करना प्रथम दृष्टया एक गंभीर मामला है. यदि आयोग के समक्ष यह रास्ता खुला है तो इस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है. कोर्ट ने कहा कि लेकिन इससे पहले हम प्रदेश सरकार का नजरिया जानना चाहते हैं. कोर्ट ने प्रमुख सचिव नियुक्ति को इस मामले में स्पष्ट और लिखित जानकारी देने का निर्देश दिया है.

कोर्ट ने लोक सेवा आयोग से विस्तृत जानकारी देने को कहाःअदालत ने लोक सेवा आयोग को भी उत्तर पुस्तिकाओं के मिलान और पुनः मिलान कर संशोधित परिणाम जारी करने की पूरी प्रक्रिया की जानकारी विस्तृत हलफनामा दाखिल कर देने के लिए कहा है. कोर्ट ने 14 जून 2024 को भेजे गए नोटिस के संबंध में उठाए गए कदमों की भी विस्तार से जानकारी देने के लिए कहा है. इससे पूर्व याची के अधिवक्ता ने लोकसभा आयोग की ओर से दाखिल तमाम शपथ पत्रों के जवाब में विस्तृत प्रति उत्तर शपथ पत्र कोर्ट में दाखिल किए गए. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 सितंबर की तिथि नियत की है.

50 उत्तर पुस्तिकाएं के फट गए थे पन्नेःउल्लेखनीय की यांची श्रवण पांडे ने पीसीएस जे 2022 की लिखित परीक्षा में अपनी अंग्रेजी और हिंदी की उत्तर पुस्तिकाओं के पन्ने फटे होने और दूसरे अभ्यर्थी के अंक उसे दिए जाने का आरोप लगाया था. इसके बाद लोक सेवा आयोग ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया कि उसने इस मामले पर स्वत संज्ञान लिया है. सभी उत्तर पुस्तिकाओं की जांच की जा रही है. जांच में लगभग 50 उत्तर पुस्तिकाएं ऐसी पाई गई, जिनके पन्ने फटे हुए थे और कोड एक दूसरे में मिल गए थे. जिसकी वजह से यह सारी गड़बड़ी हुई थी. लोक सेवा आयोग ने उत्तर पुस्तिकाओं का मिलान करने के बाद संशोधित परिणाम जारी किया. जिसमें दो चयनित अभ्यर्थी चयन से बाहर कर दिए गए तथा दो नए अभ्यर्थियो का चयन करने की संस्तुति आयोग की ओर से की गई है.

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