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कांग्रेस को झटका देने वाले राजेंद्र भंडारी ने बताई अपनी मजबूरी, बताया विधायकी खोकर BJP में क्या पाया? - Rajendra Bhandari interview

बीजेपी में शामिल होने के बाद उत्तराखंड के चमोली जिले की बदरीनाथ विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक रहे राजेंद्र भंडारी की विधायकी भी चली गई है. दो दिन पहले तक राजेंद्र भंडारी जिस बीजेपी को कोस रहे थे, आखिर 24 घंटे में ऐसा क्या बदला कि उनको अपनी विधायकी दांव पर लगाकर बीजेपी में आना पड़ा है. इन्हीं तमाम मुद्दों पर ईटीवी भारत के रिपोर्टर नवीन उनियाल ने राजेंद्र भंडारी से खास बातचीत की.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 18, 2024, 2:06 PM IST

Updated : Mar 18, 2024, 4:15 PM IST

कांग्रेस को झटका देने वाले राजेंद्र भंडारी ने बताई अपनी मजबूरी

देहरादून: भारतीय जनता पार्टी पर विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप लगाने वाले राजेंद्र भंडारी बीजेपी का दामन थामने के बाद चर्चाओं में हैं. चौबीस घंटे पहले ही भाजपा पर हमलावर भंडारी का कांग्रेस को झटका देना हर किसी को हैरान कर रहा है. कई सवालों में घिरे राजेन्द्र भंडारी ने भाजपा में शामिल होने के बाद ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत की..

उत्तराखंड में साल 2013 के दौरान हुए दल बदल के दौरान मुखर होकर भाजपा पर करोड़ों रुपए देकर विधायकों को खरीदने की कोशिश करने का आरोप लगाने वाले राजेंद्र भंडारी अब भाजपा के हो गए हैं. कभी राजेंद्र भंडारी ने आरोप लगाया था कि उन्हें खरीदने के लिए भाजपा ने करोड़ों की बोली लगाई थी, लेकिन वह नहीं बिके. भाजपा में शामिल होने से 24 घंटे पहले ही उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी की एक सभा में भाजपा को जमकर खरी खोटी सुनाई थी, लेकिन उनका इस तरह अचानक भाजपा में शामिल होना हर किसी को हैरान कर रहा है.

ऐसे कई सवाल हैं, जिनका जवाब केवल राजेंद्र भंडारी ही दे सकते हैं. ऐसे में ईटीवी भारत से इन्हीं सवालों पर भाजपा में शामिल हुए राजेंद्र भंडारी ने एक्सक्लूसिव बातचीत की.

पहला सवाल: आपके अचानक भाजपा में शामिल होने की क्या वजह रही?

जवाब: जनता के कई काम हैं. अस्पताल, स्कूल और दूसरी मूलभूत जरूरतें हैं, जो काम नहीं हो पा रहे थे. ऐसे में वह कोशिश करेंगे कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इन सभी को कामों को करवा लें. ताकि क्षेत्र में विकास कार्य को गति मिल सके.

दूसरा सवाल: एक दिन पहले ही आपने कांग्रेस की जनसभा में भाजपा की ईंट से ईंट बजाने का आह्वान किया था. अगले दिन आपने रुख बदल दिया?

जवाब: मैं उस समय कांग्रेस में था, इसीलिए कांग्रेस के पक्ष की बात कही. अब मैं भाजपा में हूं, इसलिए भाजपा के साथ मिलकर काम करूंगा और भाजपा की विचारधारा से ही प्रभावित होकर मैंने पार्टी ज्वाइन की है. हर समय एक जैसे बयान नहीं दिए जा सकते. जब कांग्रेस में था तो कांग्रेस के हिसाब से बयान दिए. अब भाजपा में हूं तो भाजपा के हिसाब से बयान दे रहा हूं.

तीसरा सवाल: चौबीस घंटे में ऐसी कहां से एप्रोच की गई कि समीकरण बदल गए..?

जवाब: कोई अप्रोच नहीं हुई है. भाजपा ने गढ़वाल में सुयोग्य प्रत्याशी उतारा है, जो उत्त्तराखंड को बुलंदियों तक ले जा सकता है और गढ़वाल क्षेत्र का विकास कर इसीलिए मैंने भाजपा का दामन थाम लिया.

चौथा सवाल: अपने ईटीवी भारत को बयान दिया था कि कोई भी विधायक बिना घूस के पार्टी नहीं छोड़ता, और आपको भी भाजपा ने करोड़ों रुपए देकर खरीदने की कोशिश की. आप उस बयान पर अब भी कायम हैं या यह बयान भी बदल गया है?

जवाब:भाजपा ने खरीद फ़रोख़्त की यह किसी ने अपनी आंखों से नहीं देखा है. मैने भी पार्टी छोड़ने के लिए कोई पैसा नहीं लिया है. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकास यात्रा में जुड़ने के लिए भाजपा में शामिल हुआ हूं और अब भाजपा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पार्टी को आगे बढ़ाने का काम करूंगा.

पांचवा सवाल: कांग्रेस खासकर गणेश गोदियाल (गढ़वाल लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी) आपके इस व्यवहार को एक बड़ा धोखा बता रहे हैं. इस पर आपका क्या कहना है?

जवाब: गणेश गोदियाल कांग्रेस के साथ हैं और वह कांग्रेस के पक्ष की ही बात कहेंगे. वह कांग्रेस के हिसाब से काम कर रहे हैं. मैं पार्टी बदल चुका हूं और अब भाजपा के राजनीतिक कदम के हिसाब से बात करूंगा. साथ ही भाजपा का जो आदेश होगा, उसी लिहाज से कदम बढ़ाऊंगा.

छठा सवाल: क्या धामी सरकार में कांग्रेस के विधायकों के काम नहीं हो रहे हैं, जो आपको क्षेत्रीय काम करने के लिए भाजपा में शामिल होना पड़ा?

जवाब: सरकार में सभी काम नहीं हो पा रहे हैं, ऐसे कई काम हैं जो क्षेत्र में लटके हुए हैं और तमाम प्रयासों के बाद भी पूरे नहीं हो पा रहे हैं. जाहिर है कि भाजपा विधायक मुख्यमंत्री से सीधे संपर्क में रहते हैं और उनका मुख्यमंत्री से सीधा लगाव भी हो जाता है. ऐसे में क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं का समाधान आसानी से हो जाता है.

सातवां सवाल: महेंद्र भट्ट अब राज्यसभा जा चुके हैं तो क्या अब माना जाए कि बदरीनाथ सीट पर राजेंद्र भंडारी ही भाजपा के प्रत्याशी होंगे?

जवाब:राजनीति में कल क्या होगा ये किसी को नहीं पता होता है. पार्टी टिकट मुझे देगी या किसी और को कुछ कहा नहीं जा सकता. जब तक राजनीति करने की स्थिति में हूं राजनीति करता रहूंगा और यह बीजेपी हाई कमान को फैसला करना है कि बदरीनाथ विधानसभा सीट से भविष्य में वह किसको टिकट देते हैं.

आठवां सवाल: आपकी पत्नी रजनी भंडारी भी क्या अब कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन करेंगी. क्या आप कोई संकेत दे सकते हैं?

जवाब:यह तो आने वाला ही वक्त ही बताया कि रजनी भंडारी भाजपा में शामिल होती हैं या नहीं. जहां तक सवाल रजनी भंडारी पर लगे आरोपों का है तो रजनी भंडारी को कोर्ट ने पहले ही राहत दे दी है. ऐसे में इन मामलों पर पहले ही कुछ कहना सही नहीं होगा. हालांकि रजनी भंडारी को पहले ही कोर्ट से क्लीन चिट मिल चुकी है और ऐसे में इस तरह का कोई दबाव उन पर नहीं था.

नौंवा सवाल: जिस तरह आपने पहले बयान दिए और फिर पार्टी छोड़ दी, आपको लगता है क्षेत्र में आपकी छवि को इससे नुकसान हुआ है?

जवाब: मेरे इस कदम से बहुत सारे लोगों की भावनाओं को ठेस लगी है. कई लोग कांग्रेस की विचारधारा के हैं और कई लोग भाजपा की विचारधारा के. लेकिन जिनका मुझसे व्यक्तिगत जुड़ाव होगा वह मेरे साथ ही रहेंगे. क्योंकि वह राजनीतिक रूप से किसी पार्टी के साथ न होकर वह मेरे साथ हैं.

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Last Updated : Mar 18, 2024, 4:15 PM IST

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