15 साल बाद बना महिला का आधार कार्ड भरतपुर.फिंगर प्रिंट घिसने की वजह से आधार कार्ड बनवाने के लिए 15 साल से भटक रही महिला का आखिर आधार कार्ड बन गया है. ईटीवी भारत ने महिला की समस्या को प्राथमिकता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद स्थानीय प्रशासन और सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग ने पीड़ित महिला से संपर्क कर आधार कार्ड बनाने की औपचारिकताएं पूरी की, साथ ही कमियों को भी दूर किया. इसके बाद महिला का शनिवार को आधार कार्ड तैयार कर उपलब्ध करा दिया गया. अब महिला के दिव्यांग पति को दो साल से रुकी पेंशन फिर से मिल सकेगी. साथ ही परिवार को राशन समेत अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिल सकेगा.
शहर की नमक कटरा निवासी महिला प्रियंका के हाथ में जब उनका आधार बनकर मिला तो प्रियंका और उनके पति प्रदीप की खुशी का ठिकाना न रहा. दंपती की आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े. दंपती ने ईटीवी भारत और प्रशासन का आभार जताया. प्रियंका और उनके पति प्रदीप ने बताया कि वो जिस आधार के लिए 15 साल से अधिकारियों के चक्कर काट रहे थे, वो ईटीवी भारत के प्रयास से बनकर आ गया है.
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खबर प्रकाशित होने के 4 दिन में मिला आधार कार्ड : ईटीवी भारत ने 5 मार्च 2024 को 'आधार कार्ड के लिए 15 साल से भटक रही महिला...' शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी. खबर प्रकाशित होने के बाद सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के अधिकारी हरकत में आए. विभाग के जिम्मेदारों ने महिला से संपर्क कर आधार कार्ड बनवाने की सभी औपचारिकताएं पूरी की और शनिवार को महिला प्रियंका का आधार कार्ड तैयार होकर मिल गया.
महिला के पति प्रदीप ने बताया कि उन्हें आधार बनने की काफी खुशी है. मानो ईश्वर ने उनकी मुराद पूरी कर दी. आधार बनने के बाद अब उनके परिवार को राशन मिल सकेगा. उनकी दो साल से रुकी हुई दिव्यांग पेंशन भी मिलना शुरू हो जाएगी. प्रियंका ने बताया कि अभी तक वो सिर्फ मतदान ही कर सकते थे, लेकिन अब आधार कार्ड बनने के बाद परिवार को सभी सरकारी योजनाओं का भी लाभ मिल सकेगा.
यह था मामला :असल में शहर की नमक कटरा निवासी प्रियंका (38) का फिंगर प्रिंट घिसने की वजह से आधार कार्ड नहीं बना था. प्रियंका और उनके दिव्यांग पति प्रदीप बीते 15 साल से आधार कार्ड बनवाने के लिए विभाग और अधिकारियों के चक्कर काट रहे थे. आरोप है कि फिंगर प्रिंट सही नहीं होने की वजह से अधिकारी उन्हें चक्कर कटवा रहे थे. प्रियंका का आधार नहीं होने की वजह से दो साल से उनके पति प्रदीप की दिव्यांग पेंशन मिलना भी बंद हो गई थी. वहीं, मेधावी बेटी को दसवीं में 80% अंक होने के बावजूद गार्गी पुरस्कार से वंचित होना पड़ा था. यहां तक की गरीब परिवार को मतदान के अलावा सरकार की किसी जनकल्याणकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था. अब आधार कार्ड बनने से इस वंचित परिवार को सभी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा.