खूंटीः सांसद और विधयाक का भाई प्रेम खूंटी विधानसभा सीट पर हावी है. लोकसभा चुनाव के बाद गठबंधन मजबूती से बढ़ रहा था. लेकिन विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग के बाद कांग्रेस और झामुमो के बीच बिखराव हो गया, इसका कारण भाई प्रेम बना.
कांग्रेस के महासचिव डॉक्टर अनिल बड़ाईक ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीच में इस बात का खुलासा किया है. बता दें कि खूंटी सीट से अनिल बड़ाईक, जयराम महतो की पार्टी जेकेएलएम से चुनाव लड़ रहे हैं. ईटीवी भारत संवाददाता सोनू अंसारी के साथ खास बातचीच में उन्होंने और भी कई खुलासे किये और चुनाव लड़ने को लेकर अपनी बातें रखीं.
डॉक्टर अनिल बड़ाईक ने भाई प्रेम का खुलासा करते हुए बताया कि खूंटी में भाजपा और कांग्रेस एक ही है. जिसके कारण यहां लोकसभा चुनाव में विधायक भाई नीलकंठ सिंह मुंडा का पूरा सहयोग मिला था. उस वक्त लोकसभा चुनाव जीतना था जिसके कारण सभी एकजुट रहे. कांग्रेस नेताओं ने उम्मीद जताई थी कि काली चरण मुंडा पावर में आएंगे तो खूंटी या तोरपा सीट कांग्रेस के खाते में जाएगी लेकिन सांसद कालीचरण मुंडा ने ऐसा होने नहीं दिया. सीट शेयरिंग में भी भाई प्रेम झलका और भाई प्रेम के कारण खूंटी सीट पर डमी उम्मदीवार उतार दिया जो 2019 के चुनाव में भी हुआ.
उन्होंने बताया कि 25 सालों से भाजपा शाषन करते आई है इसके बावजूद यहां की समस्याओं का समाधान नही हो सका. जिसके कारण हम आज चुनाव मैदान में उतरे हैं और इसका फायदा नई पार्टी को मिलता दिख रहा है. उन्होनें कांग्रेस के नीति और सिद्धांतों का सम्मान करने का दावा करते हुए कहा कि पार्टी बदलने का एक ही मतलब है कि यहां पर भाई प्रेम खूंटी विधानसभा पर हावी है. खूंटी सीट पर भाजपा और कांग्रेस की पावर एक ही जगह पर केंद्रित होकर घूमती रहती है जिसके कारण आज पार्टी से बगावत करना पड़ी.
बिरसा मुंडा की जन्मस्थली खूंटी की पहचान विदेशों में भी है लेकिन यह खूंटी आज भी बुनियादी सुविधाओं से लेकर विकास से कोसो दूर है. डॉ. अनिल बड़ाईक ने कहा कि खूंटी विधानसभा क्षेत्र के खूंटी और मुरहू प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश इलाकों में अवैध अफीम की खेती के कारण क्षेत्र बदनाम है.