भोपाल: जानकार भले ही महाराष्ट्र चुनाव में महायुति गठंबंधन को मिली बंपर जीत का बड़ा क्रेडिट वहां की महिला वोटरों को दे रहे हों लेकिन बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कहना है कि कोई भी योजना एक राज्य में जीत का कारक नहीं हो सकती. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होने कहा कि केवल किसी एक योजना को जीत का श्रेय नहीं दिया जा सकता. सारी योजनाएं गरीब कल्याण की होती हैं. बीजेपी कार्यकर्ताओं की मेहनत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शानदार नेतृत्व की बदौलत महाराष्ट्र में ये एतिहासिक चुनाव नतीजे आए हैं.
महाराष्ट्र में महायुति की जीत मे लाड़ली अकेला फैक्टर नहीं..क्यों बोले वीडी
एमपी बीजेपी के अध्यक्ष वीडी शर्मा ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा "कोई भी योजना हो, किसी भी राज्य में एक योजना अकेली काम नहीं करती. गरीब कल्याण के लिए कई सारी योजनाएं होती हैं जो असर डालती हैं. बीजेपी ने गरीब कल्याण की जो योजनाएं बनाई थीं उनका जनता पर व्यापक असर पड़ा है. ये कार्यकर्ताओं की जी-तोड़ मेहनत का नतीजा है. और सबसे बड़ी बात पीएम मोदी के नेतृत्व में जनता का जो भरोसा है, महाराष्ट्र में महायुति की जीत उसका प्रमाण है."
EXCLUSIVE INTERVIEW VD SHARMA (Etv Bharat) विजयपुर की हार से ऐसे लेंगे सबक
वीडी शर्मा ने विजयपुर में पार्टी को मिली हार पर कहा, "कभी-कभी ऐसा हो जाता है. लेकिन मैंने कार्यकर्ताओं से कहा है कि पहले हम इस सीट को 18 हजार वोटों से हारे थे. अब ये अंतर सात हजार पर आ गया है. हम सात हजार मतों से हारे हैं. लेकिन अब इस सीट पर बड़े अंतर से चुनाव जीतेंगे."
महाराष्ट्र में बढ़ा महिलाओं का वोट प्रतिशत क्या कहता है
महाराष्ट्र में पिछले विधानसभा 2019 चुनाव के मुकाबले मतदान में पांच फीसदी का उछाल आया है लेकिन इसमें महिलाओं का बढ़ा हुआ वोटिंग प्रतिशत काबिल ए गौर है. 2019 में महिलाओं का मतदान 59.26% था जो 2024 में 65.21% पर चला गया. यह बढ़ोतरी दर्शाती है कि महिलाओं का वोटिंग के प्रति रुझान था. 2019 में जहां 2,53,90,647 महिलाओं ने वोट डाला था वहीं 2024 में 3,06,49,318 महिलाओं ने मताधिकार का प्रयोग करते हुए लोकतंत्र के उत्सव में भाग लिया. ठाणे में महिलाओं के 11%, पालघर में 9%, मुंबई महानगर क्षेत्र में 7% वोट ज्यादा पड़े. कुल मिलाकर 52,58,671 महिलाएं पार्टियों के लिए किंगमेकर की तरह उभरीं. महाराष्ट्र में ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में महिला मतदाता जमकर वोट करने निकलीं और निर्णायक बनीं.