कांकेर : आपने डॉग बाइट के कई मामले देखे सुने होंगे लेकिन आज जो मामला हम आपको बताने जा रहे हैं वो बिल्कुल अनोखा है. क्योंकि इस मामले में गांव में किसी भी व्यक्ति को डॉग ने नहीं काटा है.फिर भी पूरा का पूरा गांव अपने चेहरे में शिकन लिए अस्पताल में मेला लगाए बैठा है.ग्रामीण खुद को उस वायरस से बचाने के लिए इकट्ठा हुए हैं जिसका इलाज आज तक नहीं ढूंढा जा सका है.सिर्फ इसका एकमात्र बचाव है वैक्सीन.आईए जानते हैं क्यों पूरा गांव रेबीज का वैक्सीन लगाने के लिए अस्पताल में डेरा जमाए है.
क्या है पूरा मामला ?: विवेकानंद नगर ग्राम पंचायत पीवी 4 में दो दुधारू गायों की दो महीने पहले मौत हुई थी. लेकिन ये गायें जब तक जिंदा थी तब तक पूरा गांव इनका दूध और मलाई खाता रहा. इस दौरान इन गायों के दूध से कई पकवान बने. कांकेर में ज्यादातर बंगाली समाज के परिवार रहते हैं.इसलिए कच्चे दूध से बना छेना भी खूब बनता है. लिहाजा इन गायों के दूध से छीनी नाम का प्रसाद भी बना. ये प्रसाद उन घरों में बांटा गया जहां दो महीनों के दौरान पूजा का कार्यक्रम भी था.यहां तक तो सब कुछ ठीक था.लेकिन गायों की मौत के कुछ दिनों के बाद इस बात का खुलासा हुआ कि जो गायें स्वर्ग सिधार गईं हैं,उनका जिम्मेदार एक कुत्ता है.क्योंकि गायों को डॉग ने काटा था,जिससे वो पागल हो गई.
गांव वाले क्यों हैं परेशान ?:इस मामले की जानकारी जैसे ही ग्रामीणों को लगी तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई.क्योंकि सभी को अच्छे से पता था कि रेबीज का वायरस एक दो दिन नहीं बल्कि महीनों बाद अपना असर दिखाता है.इसलिए हो सकता है कि गायों को कई महीने पहले डॉग ने काटा हो.क्योंकि जिस वक्त गायें रेबीज का शिकार हुईं उस वक्त उनका मालिक उनका दूध निकालकर लोगों को ना सिर्फ बांट रहा था.बल्कि सोसायटी में बेच भी रहा था.
गाय के मालिक ने छिपाई सच्चाई : इस मामले में हैरान करने वाली बात ये है कि पशु मालिक को ये जानकारी थी कि गायों को डॉग ने काटा है.फिर भी उसने उनका इलाज करवाने के बजाए खुद चोरी छिपे अस्पताल पहुंचकर रेबीज का इंजेक्शन लगा लिया.गांव वालों को इन सभी बातों की जानकारी लगने के बाद उन्होंने हंगामा करना शुरु किया.