बेगूसराय:बिहार के बेगूसराय के बरौनी रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर पांच पर इंजन और बोगी के बीच कपलिंग काटने के क्रम में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. इस घटना में बिना सिग्नल के ही पीछे आई इंजन के कारण एक रेल कर्मी की मौत इंजन और बोगी के बीच दबकर हो गई.
बरौनी जंक्शन पर बड़ी लापरवाही:बाद में घंटों मशक्कत के बाद मृतक रेल कर्मी के शव को बाहर निकाला जा सका. इस घटना के बाद से बरौनी जंक्शन पर काफी देर तक अफरा तफरी का माहौल बना रहा. वहीं इस घटना से रेलकर्मियों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है. रेल कर्मियों ने स्टाफ की कमी के कारण यह हादसा होने का आरोप लगाते हुए आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
बिना सिग्नल पीछे हुई इंजन के कारण मौत: बताया जा रहा है कि इंजन और बोगी के बीच तकरीबन दो घंटे तक रेल कर्मी का शव फंसा रहा. बाद में काफी मशक्कत के बाद फंसे हुए शव को रेल इंजन और बोगी के बीच से निकाला जा सका. रेल कर्मी की शादी 11 दिसंबर को होने वाली थी. मौत की खबर लगते ही परिजनों में कोहराम मच गया.
"5204 बरौनी लखनऊ एक्सप्रेस ट्रेन स्टेशन पर आई. जिसके बाद अमर रावत द्वारा ट्रेन के इंजन को अनकपल किया गया. फिर इंजन तेल भरने के लिए आगे हुआ. जिसके बाद आदमी की कमी के कारण बिना सिग्नल दिए ही इंजन बैक हो गया, जिसके कारण बफर में अमर फंस गया और उसकी मौत हो गई. नियमतः इस काम के लिए चार आदमी को होना चाहिए, लेकिन यह काम एक या दो लोगों से कराया जाता है."-शिवप्रसाद यादव, मंडल अध्यक्ष, सोनपुर
कर्मचारियों अधिक काम लेने का आरोप: घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि 5204 डाउन बरौनी लखनऊ एक्सप्रेस के बरौनी स्टेशन पर पहुंचने पर ट्रेन को सेंटिंग के लिए ले जाने के क्रम में इंजन और रेल बोगी को अलग करने के दौरान कपलिंग काटने के दौरान यह हादसा हुआ है. बताया जा रहा है सेटिंग करवाने के दौरान चार कर्मचारियों की आवश्यकता होती है, लेकिन रेल कर्मचारियों की कमी के कारण एक या दो कर्मचारी से सेटिंग का काम कराया जाता है. मृतक कर्मी की पहचान बरौनी रेलवे कॉलोनी निवासी लगभग 40 वर्षीय अमर रावत के रूप में हुई है.
"मेरा भाई पोटर के रूप में बहाल था, जिससे बोगी और इंजन के बीच कपलिंग खोलने और जोड़ने का काम लिया जाता था. हमें जानकारी मिली कि हमारा भाई इंजन और बोगी के बीच फंस गया है. मौके पर परिवार के साथ पहुंचे तो भाई मरा हुआ था. 11 दिसंबर को उसकी शादी होने वाली थी. इस काम के लिए चार स्टाफ का जरूरत पड़ती है पर एक स्टाफ से काम लिया जाता है."- शेखर कुमार, मृतक रेलकर्मी का भाई