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52 दिन से चल रहा एक धरना, न अफसर सुन रहे, न नेता, अब परिवार को भी बिठाएंगे - janata jay yojna employee dharana

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 31, 2024, 3:44 PM IST

Updated : Aug 31, 2024, 5:04 PM IST

श्रीगंगानगर में अपनी तीन सूत्री मांगों को लेकर जनता जल योजना के कर्मचारी जलदाय विभाग के सामने धरना दे रहे हैं. उनके धरने को 52 दिन हो गए, लेकिन कहीं भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही. आखिरकार उन्होंने अपने परिवार को भी धरने में शामिल करने की चेतावनी दी है.

JANATA JAY YOJNA EMPLOYEE DHARANA
52 दिन से धरने पर बैठे जनता जल योजना के कर्मचारी (Photo ETV Bharat Shriganganagar)

52 दिन से धरने पर बैठे जनता जल योजना के कर्मचारी (Video ETV Bharat Shriganganagar)

श्रीगंगानगर: जनता जल योजना के कर्मचारी तीन सूत्री मांगों को लेकर जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता कार्यालय के सामने पिछले 52 दिनों से धरना दे रहे हैं. इतना समय बीत जाने के बाद भी उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं हो रही. मजबूर होकर कर्मचारियों ने अपने परिवार को भी धरने पर बिठाने की बात कही है.

जनता जल योजना के कर्मचारी यूनियन के जिलाध्यक्ष ताराशंकर ने कहा कि 52 दिन से भी अधिक समय तक आंदोलन चलने के बावजूद सरकार ने इन कर्मचारियों की मांगों की ओर ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि पहले भी कई बार संविदाकर्मी तरह-तरह से आंदोलन करके सरकार का ध्यान आकर्षित कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि पहले बाजार में भीख मांगकर, कलेक्ट्रेट तक दंडवत पहुंच कर, बीन बजा कर, नारेबाजी कर प्रदर्शन किया जा चुका है, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है.

पढ़ें: जनता जल योजना के कर्मचारियों ने बाजार में मांगी भीख, अधिकारियों ने दिए बिस्कुट और 50 रुपए तो हो गए खफा

उन्होंने कहा कि वे अपनी जायज मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब वे अपने परिवार को भी धरने पर शामिल करेंगे और परिवार सहित धरने पर बैठकर प्रदर्शन करेंगे. धरने पर बैठे कर्मचारियों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और आंदोलन को और तेज करने की बात कही.

ये हैं मांगे:जनता जल योजना के कर्मचारी यूनियन के जिलाध्यक्ष ताराशंकर ने बताया कि तीन सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से जनता जल योजना में संविदाकर्मी अल्प मानदेय में कार्य कर रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्तिथि गड़बड़ा गई है. कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें नियमित किया जाए और जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक समान काम समान वेतन की तर्ज पर वेतन दिया जाए.

Last Updated : Aug 31, 2024, 5:04 PM IST

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