वाराणसी: इमरजेंसी राज की अन्तर्कथा, पुस्तक का लोकार्पण मंगलवार को वाराणसी में वरिष्ठ नेताओं और मानिंद लोगों की मौजूदगी में किया गया. इस पुस्तक के लोकार्पण कार्यक्रम में आयोजित परिचर्चा में शहर के बुद्धिजीवियों की भी जुटान हुई. पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में पुस्तक के लेखक प्रसिद्ध समाज शास्त्री प्रोफेसर आनंद कुमार ने अपने वक्तव्य में इमरजेंसी और उसके जुड़े पहलुओं पर प्रकाश डाला.
उन्होंने कहा कि इमरजेंसी केवल प्रशासनिक व्यवस्था नहीं बल्कि दमनकारी मानसिकता का घोतक है. इस कार्यक्रम में विशिष्ट वक्ता के रूप में भारतीय वसंत कुमार ने कहा कि महात्मा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री के युग की लोकतंत्र में आस्था पर सभी का भरोसा था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सहयोगियों की तरफ से उत्पन्न इमरजेंसी की व्यूह रचना की गई, यह स्थापित किया. उन्होंने इमरजेंसी की खिलाफत का नेतृत्व कर रहे जयप्रकाश नारायण का भी स्मरण किया.
इस पर चर्चा में प्रसिद्ध समाज सेवी और नेत्री एवं लोकतंत्र सेनानी इमरजेंसी राज की सबसे क्रांतिकारी छात्र नेता अंजना प्रकाश ने भी अपना वक्तव्य रखा. उन्होंने अपनी स्मृतियों को साझा करते हुए कहा कि इमरजेंसी वह दौर था, जो आज भी अपनी निरंकुशता और भयावता की याद दिलाता है. उन्होंने कहा कि हमने लोकतंत्र की हत्या का वह दौर देखा है जो आज की पीढ़ी को कभी न देखना पड़े, अन्यथा लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं से सभी का विश्वास उठ जाएगा.