बिहार

bihar

ETV Bharat / state

आज गयासुर के सिर और नाभी वाले स्थान पर पिंडदान का विधान, प्रेत बाधा के बाद भूल कर भी न करें ये काम - Pitru Paksha 2024 - PITRU PAKSHA 2024

Eleventh day of Pitru Paksha Mela: पितृपक्ष मेले का 11वां दिन है, आज गयासुर के सिर और नाभी वाले स्थान पर पिंडदान का विधान है. इससे प्रेत बाधा दूर होती है और पितरों को मोक्ष मिलता है. इस दौरान कुछ खास बातों का खयाल रखना बेहद जरूरी है. आगे पढ़ें पूरी खबर.

Pitru Paksha 2024
गया में पितृपक्ष मेला (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 27, 2024, 7:47 AM IST

गया: बिहार के गया में विश्व विख्यात पितृ पक्ष मेला चल रहा है. पितृपक्ष मेले में लाखों तीर्थ यात्री पहुंच रहे हैं. देश के तकरीबन सभी राज्यों के अलाव विदेशों से भी तीर्थ यात्रियों के आने का सिलसिला जारी है. देश और विदेश के तीर्थ यात्री अपने पितरों के मोक्ष की कामना को लेकर विष्णु नगरी मोक्ष धाम में पिंडदान कर रहे हैं. पितृपक्ष मेले के 11वें दिन गयासिर और गयाकूप के पास पिंडदान करने का प्रावधान है.

यहां होती है पितरों को मोक्ष की प्राप्ति:मान्यता है कि गया में गयासुर के सिर का स्थान है. गयाकूप में गयासुर के नाभि का स्थान है. शुक्रवार को आश्विन कृष्ण दशमी के दिन गयासिर और गयाकूप पिंड वेदियों पर पिंडदान की बड़ी मान्यता है. यहां पिंडदान से प्रेत बाधा दूर होती है और पितरों को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है. उन्हें स्वर्ग लोक में स्थान मिलता है.

गयाजी धाम में भगवान (ETV Bharat)

इन वेदियों पर प्रेत बाधा होती है दूर: गयाकूप पिंंडवेदी में प्रेत बाधा दूर होती है और पितरों को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है. गयाकूप में पिंडदान का बड़ा ही महत्व है. कहा जाता है कि यहां नारियल में आह्वान कर प्रेत बाधा को गयाकूप वेदी के कुएं डाला जाता है, जिससे प्रेत बाधा यहां गयाजी में कैद हो जाती है. पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. पिंडदानी के घर में सुख शांति की प्राप्ति हो जाती है.

गयाजी धाम में पहुंचे पिंडदानी (ETV Bharat)

पिंडदानी भूलकर भी न करें ये गलती: गयासुर के सिर और गयाकूप दोनों ही वेदियों का काफी महत्व है. गयाजी धाम में त्रैपाक्षिक श्राद्ध करने वाले पिंडदानी आश्विन कृष्ण दशमी को गयासिर और गयाकूप में पिंडदान करते हैं. वहीं 7 दिनों, 5 दिनों और 3 दिनों के लिए आए पिंडदानी भी इन दोनों वेदियों पर पिंडदान करते हैं. पंडा का मानना है कि गयाकूप में नारियल अर्पित करने के बाद पिंडदानी को भूलकर भी पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए.

गयाजी धाम में पिंडदान करते हुए. (ETV Bharat)

गयाकूप में पिंडदान करने से दूर होगा पितृ दोष: विष्णुपद मंदिर से दक्षिण में गयासुर और गयाकूप पिंड वेदियां स्थित है. इन वेदियों को प्रेत बाधा से मुक्ति के लिए मान्यता है. गयाकूप के संदर्भ में कहा जाता है कि यहां पिंडदान करने से पितृ दोष दूर हो जाते हैं. गयाकूप में पितृ दोष, त्रिपिंडी दोष दूर करने के लिए पिंडदान की परंपरा है.

भगवान विष्णु का पदचिह्न (ETV Bharat)

गयाजी धाम पहुंचे 7 लाख से अधिक तीर्थयात्री: गयासुर के नाभि और सिर वाले स्थान की वेदियों पर शुक्रवार को पिंडदानियों की भारी भीड़ उमड़ेगी. पितृ पक्ष मेले में 7 लाख से अधिक यात्री अब तक गयाजी धाम को पहुंच चुके हैं. पितृपक्ष यात्रियों यानि कि पिंडदानियों के आने का सिलसिला जारी है. जैसे-जैसे पितृपक्ष मेला आगे बढ़ रहा है, पिंडानियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है.

ये भी पढ़ें:

क्या है 'प्रेतशिला पर्वत' का रहस्य, रात को सुनाई देती हैं तरह-तरह की आवाजें - Pitru Paksha 2024

बंटवारे के समय 300 पूर्वजों का पाकिस्तान में हुआ कत्ल, अब गयाजी में पिंडदान कर रहे वंशज - Pitru Paksha 2024

16 वेदियों में पिंडदान से पितरों को होती है मोक्ष की प्राप्ति, साक्षात भगवान विष्णु देते हैं आशीर्वाद - Pitru paksha 2024

पितृपक्ष मेला के सातवां दिन विष्णुपद की 16 वेदियो पर पिंडदान, श्राद्ध कर्म का एक-एक कदम पूर्वजों को ले जाता है स्वर्ग की ओर - Pitru Paksha 2024

छठे दिन विष्णुपद में 16 वेदियों पर पिंडदान का विधान, भगवान राम और भीष्म पितामह भी आए थे पिंडदान करने - Pitru Paksha 2024

आज ब्रह्म सरोवर, धर्मारण्य, आम्र सिंचन, काकबली पर पिंडदान का विधान, महाभारत के बाद युधिष्ठिर ने किया था पिंडदान - Pitru Paksha 2024

ABOUT THE AUTHOR

...view details