कोरबा: रिहायशी इलाके के करीब पहुंचे हाथी ने 24 घंटे के अंदर तीन महिलाओं को कुचलकर मार डाला. हाथी ने गुरुवार सुबह एक महिला की जान ले ली. देर रात होते तक 2 और महिलाओं को कुचलकर मार डाला. वन विभाग लगातार हाथी के मूवमेंट पर नजर रखे हुए है. वन विभाग की और से पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद भी दी गई है.
हाथी ने ली जान:खैरभवना गांव में हाथी नेगुरुवार रात एक ही परिवार की दो महिला सदस्यों - तीज कुंवर (60) और सुरजा बाई (40) पर हमला कर दिया. जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई. इससे पहले गुरुवार सुबह हाथी ने रलिया गांव में गायत्री राठौर पर उस समय हमला कर दिया जब वह मॉर्निंग वॉक करने घर से बाहर निकली थी. महिला गंभीर रूप से घायल हो गई थी, जिसे तुरंत कोरबा के अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. हाथी ने खोडरी गांव में 5 मवेशियों को भी कुचलकर मार डाला.
''शाम को 5 बजे मैं रोजी मजदूरी से वापस आया.इसके बाद ग्रामीणों से ही पता चला कि गांव में हाथी घुस आया है. थोड़ा आराम करने के बाद आसपास देखा इसके बाद हम सोने चले गए. रात को अचानक शोर उठा की हाथी घर के पास आ गया है. चीख पुकार मच गई, हम सभी भागते इसके पहले हाथी हमारे घर तक पहुंच गया. घर में हम सभी 6 सदस्य मौजूद थे. सभी इधर-उधर भागने लगे, मैंने अपनी पत्नी का हाथ पकड़ कर उसे खींचना चाहा, लेकिन हाथी ने मुझे भी अपनी चपेट में ले लिया था. मैंने किसी तरह अपने आप को बचाया, लेकिन पत्नी को हाथी ने खींच लिया और उसे कुचलकर मार डाला''. - मंतराम, मृतक महिला का पति
''गुरुवार को हाथी ने जब पहली दुर्घटना की तब हम मौके पर पहुंच गए थे. पूरे दिन हमने हाथी की निगरानी की. मुनादी भी कराई, गांव के लोगों को आगाह किया कि वह हाथी के पास न जाएं. हर तरह की सावधानी बरती. बावजूद इसके हाथी ने रात को दो महिलाओं को मौत के घाट उतार दिया. पीड़ितों के घर मिट्टी के थे. पीड़ित महिलाएं भाग नहीं सकीं और हाथी अचानक से सामने आ गया. परिजनों को तात्कालिक सहायता राशि प्रदान की गई है. आगे उन्हें और भी मुआवजा मिलेगा. फिलहाल हाथी कोरबा जिले से बाहर चला गया है.'' - अशोक कुमार मंझवार, वनपरिक्षेत्र अधिकारी, कटघोरा
पीड़ित परिवार को दी गई आर्थिक मदद: मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जब परिजन पोस्टमार्टम के बाद शव वापस लेने आए तब उन्हें वन हमले की ओर से तात्कालिक सहायता राशि दी गई. आर्थिक मदद के तौर पर 25- 25 हजार दिए गए. इसके बाद 5 लाख 75000 रुपया प्रति व्यक्ति की मौत पर राशि मुआवजा स्वरूप वन विभाग की ओर से दी जाती है जो की एक लंबी प्रक्रिया है.