देहरादून: उत्तराखंड में बिजली का बिल आपकी जेब पर भारी पड़ने वाला है. पहले ही कई बार बिजली के रेट में बढ़ोतरी के बाद अब एक बार फिर बिजली के दाम बढ़ाने का निर्णय ले लिया गया है. उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने यूपीसीएल और पिटकुल द्वारा वार्षिक टैरिफ में प्रस्तावित बढ़ोतरी के सापेक्ष 6.92% की वृद्धि करने का निर्णय लिया है. वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए आयोग ने वितरण हानि 13% को माना है. बिजली की बढ़ी हुई दरें 1 अप्रैल से प्रभावी मानी जाएंगी.
उत्तराखंड में घरेलू उपभोक्ताओं से लेकर व्यापारिक और इंडस्ट्री उपभोगताओं तक के लिए बिजली के दाम बढ़ाने का फैसला ले लिया गया है. देखा जाए तो प्रदेश वासियों के लिए लोकसभा चुनाव के मतदान के बाद यह एक बड़ा झटका है. खास बात यह है कि 19 अप्रैल को ही उत्तराखंड में मतदान हुआ है. अब इसी महीने से प्रदेश में बिजली के लिए वार्षिक तारीख में बढ़ोतरी की गई है. मौजूदा वित्तीय वर्ष 2024 25 के लिए उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड और पिटकुल के साथ ही UJVNL ने भी दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था, जिस पर विचार करने के बाद वार्षिक टैरिफ में 6.92% बढ़ोतरी का निर्णय लिया गया है.
वित्तीय वर्ष 2024 -25 के लिए वार्षिक राजस्व आवश्यकता 10690.03 करोड़ निर्धारित की गई है, जिसमें 14708.02 मिलियन यूनिट की अनुमानित विक्रय पर कुल राजस्व 9997.69 करोड़ रुपए अनुमानित राजस्व आकलन किया गया. इसमें 692.34 करोड़ रुपए का राजस्व अंतर के लिए 6.92% की वार्षिक तारीख में वृद्धि का फैसला लिया गया.
उत्तराखंड में यूपीसीएल, पिटकुल और यूजेवीएनएल द्वारा कुल 38.66 प्रतिशत की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया था. इसमें सबसे ज्यादा बढ़ोतरी का प्रस्ताव यूपीसीएल द्वारा 27.06% का दिया गया था. आयोग ने सभी पहलुओं पर विचार के बाद बिजली के दामों में 6.92% की वृद्धि करने का निर्णय लिया.
बीपीएल उपभोक्ताओं को राहत देते हुए आयोग ने उनके लिए किसी भी तरह की वृद्धि नहीं करने का निर्णय लिया है. इस तरह बीपीएल परिवारों को फिक्स चार्ज और बिजली के दामों में किसी भी तरीके के बढ़ोतरी का सामना नहीं करना होगा.