नई दिल्ली: दिल्ली वालों को जुलाई में बिजली के बिलों का जोरदार करंट लगने वाला है. दिल्ली की निजी बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) ने अपने पावर परचेजिंग एडजस्टमेंट कॉस्ट (PPAC) को बढ़ा दिया है. इसके बढ़ने का सीधा असर आपके आने वाले मासिक बिलों पर देखने को मिलेगा. अब बिजली उपभोक्ताओं को 6.15 फीसदी से लेकर 8.75 फीसदी तक अधिक बिजली के बिल का भुगतान करना होगा. यह 1 मई से 3 माह यानी जुलाई तक के लिए लागू होगा, जिसका बड़ा असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा.
दरअसल, दिल्ली की तीनों निजी बिजली कंपनियां बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (बीवाईपीएल), बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल) और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) के अलावा नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) एरिया ने भी अपने अधीनस्थ क्षेत्र में पीपीएसी की दरों में बढ़ोतरी की है. हालांकि, इन बड़ी हुई दरों का प्रभाव 0-200 यूनिट तक बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा. उनको पहले की तरह ही फ्री बिजली का लाभ मिलता रहेगा. सबसे ज्यादा पावर परचेसिंग एडजस्टमेंट कॉस्ट का असर एनडीएमसी एरिया पर पड़ेगा. 1 मई से जुलाई के लिए आने वाले इन बिजली बिलों में पीपीएसी दर बढ़ने से इस माह का बिल, आपकी जेब पर बड़ा बोझ डालने वाला है.
बताया जाता है कि अगर पीपीएसी की दरों में कोई फेरबदल इन तीन माह के अलावा किया जाता है, तो उसके लिए बिजली कंपनियों की तरफ से अलग से दिए दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) की आवेदन देना होगा. इस पर विचार करने और जरूरी समझने पर ही दरों में कोई फेरबदल किया जा सकेगा. फिलहाल यह बढ़ोतरी तीन माह (मई-जुलाई) तक के लिए लागू रहेगी. बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड के अधीनस्थ क्षेत्र में बिजली के बिलों में जो पीपीएसी बढ़ोतरी होगी वह 8.75 फ़ीसदी की गई है, जबकि बीएसईएस की दूसरी कंपनी बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड के अधीनस्थ क्षेत्र में यह बढ़ोतरी 6.15 फीसदी की गई है. वहीं, टीपीडीडीएल और एनडीएमसी के क्षेत्रों में यह बढ़ोतरी 8.75 फीसदी की गई है.