बाराबंकी :लखनऊ से सटी बाराबंकी लोकसभा सीट पर कांग्रेस के तनुज पुनिया ने भाजपा प्रत्याशी को करारी शिकस्त दी. इसी के साथ उन्होंने 10 साल पहले मिली पिता की हार का बदला भी ले लिया. तनुज पूनिया ने भाजपा प्रत्याशी को न केवल 2 लाख 15 हजार 704 वोटों से शिकस्त दी बल्कि बसपा प्रत्याशी समेत सभी 11 प्रत्याशियों की जमानत भी जब्त करा दी.
साल 2009 में बाराबंकी लोकसभा सीट से कांग्रेस के पीएल पुनिया ने चुनाव जीता था. साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार पीएल पुनिया भाजपा प्रत्याशी प्रियंका रावत से हार गए थे. अब 10 साल बाद बेटे ने पिता की हार का बदला ले लिया. पीएल पुनिया को भाजपा प्रत्याशी ने 2 लाख 11 हजार 882 वोटों से चुनाव हराया था. अब बेटे तनुज पुनिया ने भाजपा उम्मीदवार को उससे ज्यादा 2 लाख 15 हजार 704 वोटों से पटखनी दे दी.
तनुज पूनिया ने बसपा उम्मीदवार समेत 11 उम्मीदवारों की जमानत भी जब्त करवा दी. तनुज पुनिया को जहां 7 लाख 19 हजार 927 वोट मिले तो भाजपा उम्मीदवार राजरानी रावत को 5 लाख 4 हजार 223 वोट मिले. बसपा उम्मीदवार शिवकुमार दोहरे को महज 39 हजार 177 वोट हासिल हुए. खास बात यह कि बाकी के 10 उम्मीदवारों को नोटा से भी कम वोट मिले. नोटा को 8221 वोट मिले.
कौन हैं तनुज पूनिया :तनुज पूनिया वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मशहूर आईएएस रहे पीएल पुनिया के पुत्र हैं. पीएल पुनिया के सांसद होने के चलते ही उनकी भी दिलचस्पी राजनीति में बढ़ी. लिहाजा 2017 में उन्होंने राजनीति में कदम रखा. जैदपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़ा. इस चुनाव में उनको कामयाबी नहीं मिली. तनुज भाजपा उम्मीदवार उपेंद्र सिंह रावत से चुनाव हार गए थे. तनुज को 81883 वोट मिले थे जबकि उपेंद्र रावत 111064 वोट पाकर चुनाव जीत गए थे.
10 साल पहले भाजपा प्रत्याशी से पीएल पुनिया को मिली थी करारी हार. (PHOTO Credit; Etv Bharat) कांग्रेस ने कई बार जताया भरोसा :साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में एक बार फिर तनुज पुनिया पर कांग्रेस ने भरोसा जताया. उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया, इस चुनाव में भी तनुज को शिकस्त मिली. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में फिर से उपेंद्र सिंह रावत उनके सामने थे. फिर से उपेंद्र रावत 5,35,594 वोट पाकर चुनाव जीत गए जबकि तनुज को 1,59,575 वोटों से ही संतोष करना पड़ा. उपेंद्र सिंह रावत के सांसद बन जाने से जैदपुर विधानसभा सीट खाली हो गई और यहां 2019 में ही उपचुनाव हुए.
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी मिली थी हार :उपचुनाव में एक बार फिर तनुज ने कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़ा लेकिन तनुज अपना तीसरा चुनाव भी हार गए. सपा के गौरव रावत 78172 वोट पाकर चुनाव जीत गए, जबकि 43983 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे. बार-बार चुनाव हारने के बाद भी तनुज पुनिया ने हिम्मत नहीं हारी. वे नए जोश के साथ क्षेत्र में बने रहे. आखिरकार 2022 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर वे कांग्रेस उम्मीदवार बनने में कामयाब हो गए और उन्होंने जैदपुर विधानसभा से चुनाव लड़ा लेकिन इस बार फिर वे कामयाब नहीं हो सके.
गठबंधन के साथ ने बढ़ाया हौसला :सपा के गौरव रावत 113558 वोट पाकर चुनाव जीत गए जबकि दूसरे नंबर पर बीजेपी उम्मीदवार को 110576 वोट मिले, तनुज पुनिया को महज 28689 वोट ही हासिल हो सके. लोकसभा 2024 में जब इंडिया गठबंधन बना तो बाराबंकी लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में गई और इस तरह तनुज पुनिया एक बार फिर उम्मीदवार बने. तनुज पुनिया का यह पांचवां चुनाव था. साल 1985 में पैदा हुए तनुज पुनिया ने साल 2010 आईआईटी रुड़की से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की.
तनुज पुनिया ने नौकरी करने की बजाय राजनीति के क्षेत्र में आकर देश और समाज की सेवा करने का फैसला किया. गठबंधन का साथ मिला तो तनुज पुनिया में जोश आ गया और आखिरकार उन्होंने भाजपा प्रत्याशी राजरानी रावत को भारी मतों से करारी हार दे डाली.
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