देहरादूनःलोकसभा चुनाव को शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की ओर से सचिवालय में राज्य स्तरीय एकीकृत निर्वाचन कंट्रोल रूम तैयार किया गया है. विधानसभा या फिर लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की ओर से स्टेट कंट्रोल रूम तैयार किया जाता है. इस कंट्रोल रूम में 1950 प्रकोष्ठ, शिकायत प्रकोष्ठ, आबकारी प्रकोष्ठ, पुलिस प्रकोष्ठ और एमसीसी (मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट) प्रकोष्ठ बनाया गया, जो प्रदेश के सभी जिलों से संबंधित जानकारी को एकत्र कर मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय को सौंपते हैं.
ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर स्टेट कंट्रोल रूम बनाया गया है. जिसका मुख्य काम यह है कि दैनिक रिपोर्ट को तैयार किया जाए. जिसमें लॉ एंड ऑर्डर, एमसीसी उल्लंघन, आपराधिक कार्रवाई संबंधित रिपोर्ट तैयार की जाती है. इसके अलावा मतदान फीसदी को बढ़ाने के लिए चलाए जा रहे मतदाता जागरूक कार्यक्रमों की जानकारी को भी संकलित किया जाता है. निर्वाचन ड्यूटी में लगाए जाने वाले करीब 13 हजार वाहनों में जीपीएस लगाए जाने संबंधित जानकारियों को एकत्र करना, कितने वाहनों का अलॉटमेंट हो गया है, संबंधित सभी इस जानकारी को व्यवस्थित किया जाता है.
सी-विजिल एप पर मिल रही शिकायतें: उन्होंने बताया कि सी-विजिल एप के जरिए प्राप्त होने वाली शिकायतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. वर्तमान समय तक करीब 10 हजार शिकायतें सी-विजिल एप के जरिए प्राप्त हो चुकी हैं. सी-विजिल एप के जरिए शिकायतें स्टेट कंट्रोल रूम में भी प्राप्त होती हैं. लेकिन जब कोई व्यक्ति सी-विजिल एप के जरिए शिकायत करता है तो वो शिकायत सबसे पहले जिला स्तर पर डीओ की ओर से मार्क की जाती है. सी-विजिल एप के जरिए मिलने वाली शिकायतों को 100 मिनट में निस्तारण करना होता है. लेकिन अगर कोई शिकायत 100 मिनट के भीतर निस्तारित नहीं होती है तो फिर वो शिकायत चीफ इलेक्शन ऑफिसर (सीईओ) लेवल पर देखी जाती है.