बीकानेर. प्रदेश में निजी विद्यालयों में फीस, स्कूल यूनिफार्म और पाठ्य पुस्तकों को लेकर शिक्षा विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इन दिशा निर्देशों में साफ तौर पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने कहा है कि जिन स्कूलों ने स्कूल फीस ज्यादा ली है, वो वापिस अभिभावकों को लौटाएं. प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को लिखे पत्र में साफ तौर पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने बिंदुवार निर्देश दिए हैं कि निजी विद्यालयों में राजस्थान विद्यालय (फीस का विनियमन) अधिनियम के दिशा निर्देश की पालना सुनिश्चित की जाए. बता दें कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने मंगलवार को शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की थी.
उन्होंने कहा कि विद्यालय स्तर पर अभिभावक शिक्षक समागम (PTA) का गठन और विद्यालय स्तरीय फीस कमेटी (SLFC) के गठन की सूचना निजी विद्यालय पीएसपी पोर्टल पर अपडेट करें. विद्यालय स्तरीय फीस कमेटी की ओर से अनुमोदित फीस का ब्यौरा भी पीएसपी पोर्टल पर वर्षवार/मदवार PDF बनाकर अपलोड करना होगा.
अधिक फीस लौटानी होगी :विद्यालय स्तरीय फीस कमेटी की ओर से अनुमोदित फीस के अतिरिक्त फीस लेना अवैध है, जिसे फीस एक्ट के नियमानुसार संबंधित विद्यार्थी या अभिभावक को लौटानी होगी. फीस भी 3 शैक्षिक सत्रों के लिए तय होगी. निर्देश में साफ तौर पर कहा गया है कि पिछले शैक्षिक सत्र से फीस का निर्धारण नहीं हो सकेगा. निजी विद्यालय अपने संबंधित शिक्षा बोर्ड के नियमों की पालना करते हुए उनके पाठ्यक्रम के अनुसार प्रकाशित पाठ्य पुस्तकों को विद्यार्थियों के उपलब्ध करवाएं. इसकी सूची लेखक, प्रकाशक के नाम और मूल्य के साथ अपने नोटिस बोर्ड वेबसाइट पर सत्र प्रारम्भ होने के कम में कम से कम एक माह पहले प्रदर्शित करें. जिससे कि विद्यार्थी व अभिभावकगण अपनी सुविधानुसार खुले बाजार से क्रय कर सकें. पाठ्य सामग्री, स्टेशनरी, यूनिफॉर्म, जूते, टाई बेल्ट आदि की बिक्री के लिए विभाग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों की अक्षरशः पालना करें.