बीकानेर : आमजन को शुद्ध खाने पीने की वस्तुएं मिले, इसको लेकर सरकार के स्तर पर समय-समय पर अभियान चलाया जाता है. इसके बावजूद मिलावटखोरों के हौसले बुलंद हैं और अक्सर खाने पीने के समान में मिलावट होने के मामले सामने आते हैं. बीकानेर में उरमूल डेयरी की ओर से चलाए जा रहे 'दूध का दूध और पानी का पानी' अभियान में चौंकाने वाले नहीं बल्कि डरावने आंकड़े सामने आए हैं.
एक महीने से चल रहा अभियान : आमजन को नकली व मिलावटी दूध से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से पिछले 10 जनवरी से डेयरी ओर से लगातार बीकानेर के अलग-अलग क्षेत्र में हर रोज कैंप लगाकर अभियान चलाया जा रहा है. यहां कोई भी उपभोक्ता अपने घर से उपयोग में ले रहे दूध को लाकर उसकी जांच निःशुल्क कर सकता है. इस अभियान में अब तक जो आंकड़ें सामने आए हैं वो लोगों के लिए चिंता का सबब है, क्योंकि जिसे वो दूध समझकर पी रहे हैं, वह पूरी तरह से मिलावटी है. यह स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाला है.
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10 से 15 फीसदी सही : बीकानेर उरमूल डेयरी के प्रबंध निदेशक बाबूलाल बिश्नोई कहते हैं कि अभियान में आम उपभोक्ताओं के घर आने वाले खुले दूध की मशीनों और जांच किट स्ट्रिप्स के माध्यम से शुद्धता की जांच करते हैं. इसके साथ ही मौके पर ही परिणाम रिपोर्ट बता कर आमजन को नकली व मिलावटी दूध से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के प्रति जागरूक किया जा रहा है. यह अभियान आगामी 17 फरवरी तक चलेगा. उरमूल डेयरी के एमडी बाबूलाल बिश्नोई ने बताया कि बीकानेर में अब तक कुल 515 दूध के सैम्पल आए, जिनमें से केवल 76 सैम्पल पास हुए.
पानी नहीं स्टार्च तक की मिलावट : बिश्नोई कहते हैं कि अभियान के दौरान केवल 10 से 15 फीसदी तक दूध के सैंपल सही पाए गए हैं और यह केवल शहर के किसी खास इलाके की नहीं बल्कि पूरे शहर में हर जगह के हालात हैं. दूध में केवल पानी की मात्रा शामिल करते हुए मिलावट करने के अलावा कई जगह स्टार्च और सुक्रोज की मिलावट पाई गई है.
![जांच में महज 10 फीसदी दूध सही](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/13-02-2025/rj-bnr-02-milk-spl-pkg-7203352_13022025084149_1302f_1739416309_414.jpg)
22 तरह की जांचः डेयरी एमडी बाबूलाल बिश्नोई ने बताया कि डेयरी द्वारा की जा रही जांच में मशीन के द्वारा अलग अलग पैमाने पर 22 तरह की जांच की जाती है. मशीन में दूध में ऊपर से मिलावट किए गए पानी का प्रतिशत भी हाथों-हाथ सामने दिख जाता है. उन्होंने कहा कि स्टैंडर्ड मानक के अनुसार दूध का फैट 3.5 फीसदी होना चाहिए. वहीं, SNF यानि Solid not Fat 8.5 फीसदी से ऊपर होना चाहिए, जो की दूध में प्रोटीन कैल्शियम मिनरल्स और अन्य चीजों को दर्शाता है.
लोग जागरूक नहीं : हालांकि, डेयरी की ओर से चलाए जा रहे इस अभियान में लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है. घरों तक पहुंच बनाकर डेयरी की ओर से सैंपल कलेक्शन करते हुए जांच की जा रही है. बावजूद इसके लोग सामने से आकर अपने दूध की जांच करने से कतराते भी नजर आ रहे हैं. बिश्नोई कहते हैं कि लोग इस अभियान में जुड़कर अपने दूध की जांच कराएं ताकि उन्हें इस बात का आभास हो सके कि वह दूध के नाम पर क्या पी रहे हैं, लेकिन लोगों का सहयोग पूरा नहीं मिल रहा.
![बीकानेर उरमूल डेयरी के प्रबंध निदेशक बाबूलाल बिश्नोई](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/13-02-2025/rj-bnr-02-milk-spl-pkg-7203352_13022025084149_1302f_1739416309_113.jpg)
खुले दूध में मिलावट : बिश्नोई कहते हैं कि अभियान के दौरान हम लोगों को इस बात के लिए जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं कि वह खुले दूध का इस्तेमाल कम करें, क्योंकि पैक्ड मिल्क में मिलावट की संभावना बिल्कुल भी नहीं रहती है. ऐसे में लोग यदि किसी से दूध ले रहे हैं तो समय-समय पर उसकी जांच करते रहें ताकि मिलावट की संभावना नहीं हो, यदि लोगों में जागरूकता होगी तो अपने आप दूध में मिलावट बंद हो जाएगी और उनके साथ खिलवाड़ नहीं होगा.
जिम्मेदार बोले- करेंगे कार्रवाई : डेयरी की ओर से चलाए गए अभियान के दौरान दूध में मिलावट के मामलों को लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है. हालांकि, मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पुखराज का कहना है कि डेयरी की ओर से अभियान चलाया जा रहा है. आने वाले दिनों में विभाग के स्तर पर दूध में मिलावट करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर चिकित्सा विभाग भी अभियान चलाएगा. लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
![दूध का दूध और पानी का पानी अभियान](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/13-02-2025/rj-bnr-02-milk-spl-pkg-7203352_13022025084149_1302f_1739416309_841.jpg)
दूध उत्पादन का बड़ा केंद्र बीकानेर : दरअसल, बीकानेर दूध उत्पादन का बड़ा केंद्र है. बीकानेर से देश के कई शहरों में बड़ी मात्रा में हर रोज दूध भेजा जाता है. बावजूद इसके बीकानेर शहर में दूध में मिलावट की यह आंकड़े ने सिर्फ चौंकाने वाले हैं, बल्कि आमजन की आंख खोलने वाले भी हैं.