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हाईकोर्ट के प्लेटिनम जुबली के उपलक्ष्य में सेमीनार का आयोजन, न्याय पथ व ई-लॉ रिपोर्ट का उद्घाटन

राजस्थान हाईकोर्ट के प्लेटिनम जुबली वर्ष के उपलक्ष्य में भारत में संवैधानिक शासन पर एक दिवसीय सेमीनार आयोजित किया गया. इस दौरान न्याय पथ और अदालती फैसलों पर डिजिटल फॉर्मेट में तैयार ई-लॉ रिपोर्ट का उद्घाटन किया.

Rajasthan High Court Platinum Jubilee year
राजस्थान हाईकोर्ट का प्लेटिनम जुबली वर्ष

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 16, 2024, 10:41 PM IST

जोधपुर.राजस्थान हाईकोर्ट के प्लेटिनम जुबली वर्ष के उपलक्ष्य में राजस्थान हाईकोर्ट व राजस्थान राज्य न्यायिक अकादमी की ओर से भारत में संवैधानिक शासन पर एक दिवसीय सेमीनार का आयोजन किया गया. राज्य न्यायिक अकादमी में आयोजित सेमीनार में डॉ बी आर अंबेडकर का सामाजिक आर्थिक न्याय का विचार एवं न्यायिक सक्रियता के माध्यम से सोशल इंजीनियरिंग को लेकर उद्बबोधन हुआ.

सेमीनार के मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश बीआर गवई और विशिष्ठ अतिथि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संदीप मेहता के साथ अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमनी थे. सेमीनार में राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत किया. सेमीनार से पूर्व राजस्थान हाईकोर्ट से न्यायिक अकादमी तक के मार्ग न्याय पथ का शुभारंभ किया. सेमीनार में राजस्थान हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश पंकज भंडारी, वरिष्ठ न्यायाधीश डॉ पुष्पेन्द्रसिंह भाटी सहित सभी न्यायाधीश, राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर व जयपुर एसोसिएशन अधिवक्ता एसोसिएशन के पदाधिकारी, बार कौंसिल के चैयरमेन सहित पदाधिकारी व सदस्य, हाईकोर्ट के अधिवक्ता, रजिस्ट्ररी, न्यायिक अकादमी के सभी अधिकारी मौजूद रहे.

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सेमीनार में राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव ने स्वागत उद्बोधन के साथ राजस्थान हाईकोर्ट प्लेटिनम जुबली के बारे में जानकारी देते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के इतिहास से अवगत करवाया. डॉ बीआर अम्बेडकर के द्वारा बनाए संविधान पर प्रकाश डाला. अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमनी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि सोशल इकोनोमी एवं संविधान एवं पूर्व के निर्णयों के बारे में प्रकाश डाला.

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समारोह को सम्बोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संदीप मेहता ने खम्मा घणी एवं पधारो म्हारे देश से अपने सम्बोधन की शुरूआत करते हुए न्याय के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला. पिछड़ा वर्ग व अति पिछड़ा वर्ग को लेकर संविधान में दिए गए पहलुओं पर जानकारी दी. भारत के संविधान में संशोधन करना आसान नहीं है, लेकिन जब जब संशोधन किया गया है, तो जनहित की आवश्यकताओं को देखते हुए किया गया है. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश बीआर गवई ने सम्बोधित करते हुए संविधान को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णयों को लेकर कहा कि मौलिक अधिकारों में परिवर्तन संभव नहीं है. संविधान के आर्टिकल 13 व 31 के साथ मौलिक अधिकार, नीति निर्देशक तत्व की जानकारी दी. सुप्रीम कोर्ट के अस्तित्व में आने से लेकर अब तक के कई महत्वपूर्ण निर्णयों के बारे में बताया. डॉ अम्बेडकर की ओर से संविधान निर्माण में जो योगदान दिया उसको लेकर भी प्रकाश डाला गया.

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सेमीनार से पूर्व राजस्थान हाईकोर्ट के प्लेटिनम जुबली वर्ष के उपलक्ष्य में झालामंड स्थित हाईकोर्ट परिसर में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश बीआर गवई ने राजस्थान हाईकोर्ट में अदालती फैसलों पर डिजिटल फॉर्मेट में तैयार ई-लॉ रिपोर्ट का उद्घाटन किया. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश बीआर गवई, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संदीप मेहता के साथ अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमनी एवं राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव हाईकोर्ट भवन पहुंचे.

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश गवई के हाईकोर्ट में पहुंचने पर गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश गवई व मेहता का राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव, वरिष्ठ न्यायाधीश पंकज भंडारी, वरिष्ठ न्यायाधीश डॉ पुष्पेन्द्रसिंह भाटी, न्यायाधीश दिनेश मेहता व न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर ने फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया. इसके साथ ही हाईकोर्ट पुस्तकालय, हाईकोर्ट भवन,मुख्य न्यायाधीश कोर्ट रूम को भी देखा और तारीफ की। हाईकोर्ट के डोम में पहुचें तो डोम को देखने के साथ ही तारीफ भी की.

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