नई दिल्ली:दिल्ली हाई कोर्ट ने फिर कहा है कि जब तक सार्वजनिक संपत्ति साफ नहीं हो जाती तब तक दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के लिए हुए चुनाव की मतगणना की इजाजत नहीं दी जा सकती है. चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली मेट्रो और दिल्ली पुलिस से सफाई के संबंध में ताजा स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी.
हाईकोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनावों में भाग लेने वाले कई उम्मीदवारों को सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामलों में पेश होने के लिए नोटिस जारी किया है. मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि उन्हें कार्यवाही में पक्षकार बनाया गया है. अदालत ने दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि अधिकारी से कहा कि वह कुलपति को सूचित करें कि परिस्थिति प्रशासनिक विफलता के कारण उत्पन्न हुई है, और इसके लिए आवश्यक सुधारात्मक उपाय किए जाने चाहिए.
हाईकोर्ट ने पहले ही चुनावों से संबंधित कई शर्तें लागू की हैं. अदालत ने पोस्टर, होर्डिंग्स, और वृत्तिचित्रों सहित सभी प्रकार की विरूपण सामग्री को हटाने और सार्वजनिक संपत्ति को बहाल करने तक DUSU चुनावों की मतगणना को रोक दिया था. अदालत ने स्पष्ट चेतावनी दी कि जब तक इस मामले में सुधारात्मक कदम नहीं उठाए जाते, तब तक चुनावी प्रक्रिया में कोई प्रगति नहीं होगी.