दुर्ग :दुर्गलोकसभा सीट छत्तीसगढ़ की सबसे पुरानी लोकसभा सीटों में से एक है. यहां 1996 से बीजेपी का कब्जा है, केवल एक बार 2014 में मोदी लहर के बावजूद कांग्रेस के ताम्रध्वज साहू ने दुर्ग सीट पर जीत दर्ज किया था. लेकिन 2019 में बीजेपी ने वापसी की और विजय बघेल यहां से सांसद निर्वचित हुए. इस बार बीजेपी ने विजय बघेल को दौबारा मैदान में उतारा है. जबकि कांग्रेस ने राजेंद्र साहू को मैदान में उतारा है.
बीजेपी से दोबारा मैदान में विजय बघेल :विजय बघेल ने अपनी राजनीति करियर की शुरुआत साल 2000 में की थी. 2000 में विजय बघेल ने भिलाई नगर परिषद का चुनाव निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीता. उसके बाद साल 2003 में पाटन विधानसभा क्षेत्र से राष्ट्रवादी कांग्रेस के टिकट से पर चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. जिसके बाद विजय बघेल बीजेपी में शामिल हए और साल 2008 के विधानसभा चुनाव में पाटन विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा. यहां उनके खिलाफ कांग्रेस से भूपेश बघेल चुनाव मैदान में थे. इस चुनाव में विजय बघेल ने भूपेश बघेल को करारी शिकस्त दी थी. विजय बघेल 2019 में दुर्ग लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर सांसद बने. अब बीजेपी ने दुर्ग लोकसभा सीट से अपने सांसद विजय बघेल पर दोबारा भरोसा जताया है. विजय बघेल, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रिश्ते में भतीजे लगते हैं. छग विधानसभा चुनाव 2023 में भी पाटन सीट पर दोनों चाचा और भतीजे के बीच मुकाबला हुआ, जिसमें भूपेश बघेल ने जीत दर्ज की थी.
कौन हैं राजेंद्र साहू ? :राजेन्द्र साहू दुर्ग जिला कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में से एक हैं. राजेन्द्र साहू का साहू समाज में काफी पकड़ माना जाता है. वे कांग्रेस के काफी विवादित नेता भी रहे हैं. एक बार उन्होंने अपनी ही पार्टी के मोतीलाल वोरा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. इसके साथ ही कांग्रेस से बगावत कर उन्होंने निर्दलीय विधानसभा चुनाव भी लड़ा, लेकिन हार गए. जिसके बाद 2018 में उन्होंने दोबारा कांग्रेस ज्वाइन कर लिया था. साल 2019 में राजेंद्र साहू भूपेश बघेल के चुनाव संचालक के तौर पर उनके साथ चुनावी अभियान में साथ रहे. प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद उन्हें जिला सहकारी केंद्रीय बैंक दुर्ग का अध्यक्ष भी बनाया गया था, लेकिन 2023 में कांग्रेस के हाथ से सत्ता जाने के बाद उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया. अब उन्हें दुर्ग लोकसभा सीट से कांग्रेस का प्रत्याशी बनाया गया है.
दुर्ग लोकसभा सीट का सियासी इतिहास:दुर्गको छत्तीसगढ़ की राजनीति का प्रमुख केंद्र माना जाता है. देश की आजादी से लेकर 70 के दशक तक इस क्षेत्र में कांग्रेस का दबदबा था. लेकिन 1977 के चुनाव में यहां से कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. लेकिन 1980 में कांग्रेस ने वापसी की और 1984 में भी जीत दोहराई. फिर 1989 में यहां जनता दल ने कांग्रेस को हराकर जीत हासिल किया. लेकिन वीपी सिंह की सरकार गिरने के बाद 1991 में कांग्रेस ने फिर एक बार यहां से जीत दर्ज की. 1996 के लोकसभा चुनाव के बाद यह सीट बीजेपी का गढ़ बन गया. 1996 से लेकर 2009 तक लगातार पांच लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने यहां जीत दर्ज की. लेकिन 2014 में मोदी लहर के बावजूद बीजेपी को यहां कांग्रेस ने हरा दिया. हांलाकि, 2019 में बीजेपी ने वापसी की और विजय बघेल सांसद बने.