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छत्तीसगढ़ के शिक्षादूतों ने बदली इस सरकारी स्कूल की तस्वीर, बच्चे गढ़ रहे देश का भविष्य - DURG DHANORA GOVT SCHOOL

दुर्ग की शिक्षिका सुमन प्रधान ने अपनी सोच से शासकीय प्राथमिक शाला धनोरा की तकदीर और तस्वीर दोनों बदल दी है. Inspirational Story

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बच्चों को बेहतरीन शिक्षा (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 7, 2025, 5:27 PM IST

Updated : Jan 8, 2025, 9:32 PM IST

दुर्ग: कहते हैं अगर आपके मन में कुछ बदलने और कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो आप पूरी कायनात की तस्वीर बदल सकते हैं. दुर्ग के शासकीय प्राथमिक शाला धनोरा में ऐसा ही हुआ है. जहां के शिक्षकों और स्कूल की महिला टीचर सुमन प्रधान ने स्कूल की तस्वीर बदल दी. धनोरा का यह स्कूल अब किसी प्राइवेट स्कूल से कम नहीं है. इस स्कूल में शानदार क्लासरूम है. जिसमें दीवारों पर ऐसी पेंटिंग है जिससे बच्चों की पढ़ाई को पंख लग रहे हैं. बच्चे बेहतरीन शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.

सुमन प्रधान मैम ने किया कमाल: शासकीय प्राथमिक शाला धनोरा के शिक्षकों ने मिसाल पेश कर इस स्कूल की सूरत बदल दी. यह सूरत विद्यार्थियों को बेहतरीन शिक्षा दिलाने के मकसद से पूरी की गई है. इस स्कूल की शिक्षिका सुमन प्रधान ने गतिविधि आधारित शिक्षा (Activity Based Learning) प्रदान करने के लिए स्कूल की दीवारों पर स्वयं चित्रकारी की है. उन्होंने यहां के शिक्षकों के साथ राशि जुटाई और बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए क्लासरूम की दीवारों पर ज्ञान आधारित चित्रकारी की. जिससे आज बच्चों को काफी मदद मिल रही है.

दुर्ग से शिक्षा की प्रेरणादायक स्टोरी (ETV BHARAT)

बच्चों को मिल रही गतिविधि आधारित शिक्षा: चित्रकारी में दक्ष सुमन ने स्वयं स्कूल की दीवारों पर पेंटिंग करने का जिम्मा उठाया. उन्होंने पढ़ाने के दौरान समय निकालकर दीवारों पर विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए पेंटिंग तैयार की. इसमें बच्चों के लिए वर्णमाला से लेकर हर तरह की जानकारी मुहैया कराई गई. हिंदी वर्णमाला , पहाड़ा सिखाने, दिन और महीने की जानकारी इसमें दी गई. पाठ्यक्रम में शामिल कहानियों के कुछ पात्र को भी दीवारों पर उकेरा गया है, ताकि पढ़ाई के लिए विद्यार्थियों की रुचि बनाई रखी जा सके. इससे स्कूल के कुल 184 बच्चों को फायदा हो रहा है.

एक्टिविटी बेस्ड एजुकेशन (ETV BHARAT)

प्राइवेट स्कूलों के बच्चों को चित्रकारी के माध्यम से पढ़ाया जाता है. इस कॉन्सेप्ट को साकार करने के लिए हम टीचरों ने एक साथ काम किया. खुद से फंड जुटाए और बच्चों के लिए अच्छा क्लासरूम तैयार किया. जिसमें चित्रकारी के जरिए बेसिक स्टडी मैटेरियल तैयार किया गया. अब स्कूल के बच्चों को मदद मिल रही है. पेंटिंग के जरिए बच्चे अच्छे से पढ़ाई कर रहे हैं- सुमन प्रधान,शिक्षिका,शासकीय स्कूल धनोरा

स्कूल की दीवारों पर पढ़ाई की चित्रकारी (ETV BHARAT)

सुमन प्रधान की सोच थी कि स्कूल के बच्चों को चित्रकारी के माध्यम से पढ़ाई कराई जाए. हमने इस काम के लिए खुद और टीचरों के सहयोग से राशि को जुटाया. सुमन मैम ने स्कूल की दीवारों पर संबंधित विषय में चित्रकारी की. इस चित्रकारी के माध्यम से गांव के बच्चों को पढ़ाई कराई जा रही है. स्कूल में बच्चों के लिए स्मार्ट क्लास भी बनाया गया, जहां बच्चे टीवी स्क्रीन के माध्यम से पढ़ाई करते हैं-अंबिका सांग,प्राचार्य,शासकीय स्कूल,धनोरा

प्राथमिक शाला धनोरा का स्मार्ट क्लासरूम (ETV BHARAT)

गतिविधि आधारित शिक्षा क्या है (Activity Based Learning)?: गतिविधि आधारित शिक्षा, ऐसी शिक्षण पद्धति है जिसमें खेल खेल और रोचक माध्यमों के जरिए बच्चों को पढ़ाया जाता है. इसमें चित्रकारी के माध्यम से पढ़ाई लिखाई कराई जाती है. समूह में पढ़ाई कराने की परंपरा को विकसित किया जाता है. विद्यार्थियों के कॉन्सेप्ट को बनाने का काम किया जाता है. जिसकी वजह से वह आगे अपनी पढ़ाई कर सके. विद्यार्थियों के ज्ञान कौशल को पढ़ाई में इस्तेमाल किए जाने वाले व्यवहारिक तरीके से जोड़ा जाता है.

गतिविधि आधारित शिक्षा हासिल करते बच्चे (ETV BHARAT)

शासकीय स्कूल धनोरा के शिक्षकों की मेहनत रंग ला रही है. बच्चों को अच्छी पढ़ाई का अवसर मिल रहा है. जिससे उन्हें अपने भविष्य को गढ़ने में मदद मिल रही है. अब इस स्कूल से प्रदेश के अन्य स्कूलों और शिक्षकों को सीखने की जरूरत है. जिससे शिक्षा की रौशनी अच्छे से फैल सके.

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Last Updated : Jan 8, 2025, 9:32 PM IST

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