नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के विधि संकाय (लॉ फैकल्टी) द्वारा बुधवार रात स्थगित की गई दूसरे चौथे और छठे सेमेस्टर की परीक्षाओं के लिए अब नई डेट शीट जारी कर दी गई है. नई डेट शीट के अनुसार इन सेमेस्टर की परीक्षाएं दो सप्ताह बाद शुरू होंगी. डीयू विधि संकाय द्वारा जारी नई डेट शीट के अनुसार परीक्षाएं 19 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेंगी. नई डेट शीट के अनुसार परीक्षा सुबह 9:30 बजे शुरू होगा 12:30 दोपहर 12:30 बजे तक चलेगी. पहले यह परीक्षाएं 4 जुलाई से शुरू होकर के 26 जुलाई तक चलनी थीं.
ये है नई डेटशीट
डीयू लॉ फैकल्टी नई डेट शीट (Etv Bharat) छात्र-छात्राओं ने परीक्षा स्थगित होने का ये बताया कारण
लॉ फैकल्टी द्वारा अचानक परीक्षा स्थगित करने के बारे में छात्र छात्राओं से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस बार कम अटेंडेंस के कारण परीक्षा देने से रोके गए छात्र-छात्राओं की संख्या पिछले साल से तीन गुना अधिक है. वैसे हर साल कम उपस्थिति के कारण 100 से 150 छात्र परीक्षा से रोके जाते थे. इस बार छात्रों की संख्या 500 से ज्यादा है. इन सभी छात्रों की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल ने मिलकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह से मांग की थी कि परीक्षा देने से रोककर उनका सेमेस्टर खराब ना किया जाए. उन्हें एक मौका दिया जाए.
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इसके बाद कुलपति ने लॉ फैकल्टी की डीन को परीक्षा स्थगित कर दो सप्ताह तक कम उपस्थिति वाले डिटेन किए गए बच्चों को रेमेडीज क्लासेस देकर उनकी अटेंडेंस पूरी करने का निर्देश दिया. इसके बाद ही आज से होने वाली परीक्षा को स्थगित करके दो सप्ताह बाद की नई डेट शीट जारी की गई हैं. बीमारी के कारण कम उपस्थिति होने पर परीक्षा से रोके गए एक के छात्र जीशान ने यह भी बताया कि कम उपस्थिति के कारण परीक्षा से रोके गए बीमार होने वाले छात्रों में से करीब 10 छात्र ऐसे हैं जिन्हें ऑपरेशन से भी गुजरना पड़ा था.
ऐसे छात्रों के भी मेडिकल को नहीं माना गया था और उन्हें भी परीक्षा से रोक दिया गया था. इन सभी बातों पर ध्यान देते हुए कुलपति ने इस बार कम उपस्थिति वाले बच्चों को एक मौका देने के लिए परीक्षा स्थगित कर कर दो सप्ताह उनके लिए स्पेशल क्लास करने का निर्णय लिया. पिछले साल कम उपस्थिति के कारण परीक्षा से रोक छात्र छात्राओं का कहना है कि इस बार विश्वविद्यालय ने छात्र-छात्राओं को मौका दे दिया. लेकिन, अगर पिछले साल हमें भी मौका दिया जाता तो कम से कम हमारा भी एक साल बर्बाद नहीं होता.
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