नई दिल्ली:दिल्ली ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (DTC) के संविदा कर्मचारी लंबे समय से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर संघर्षरत हैं. डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन इस आंदोलन में अहम भूमिका निभा रही है. यूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी ने बताया कि कर्मचारियों की समस्याएं वर्षों से लंबित हैं. दिल्ली सरकार व विभाग के उपेक्षा पूर्ण रवैये के कारण स्थिति और गंभीर हो गई है. आम आदमी पार्टी की ने 30 दिसंबर तक कर्मचारियों की मांगे पूरी करने के लिए समय मांगा था, लेकिन समय बीत गया है. यूनियन का कहना है कि सरकार ने वादा खिलाफी की है. यदि जल्द सरकार कुछ नहीं करती है तो एक बार फिर दिल्ली में कर्मचारी बसों का संचालन ठप कर देंगे. हालांकि फरवरी में ही विधानसभा का चुनाव प्रस्तावित है, ऐसे में जनवरी में ही आचार संहिता लागू हो जाएगी.
ठेके पर कर्मचारी रखना अनुचितःयूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी ने बताया कि डीटीसी एक ऐसा विभाग है जो नियमित रूप से चलता है. ऐसे विभाग में ठेके पर कर्मचारियों को रखना अनुचित है. यह श्रम कानूनों का उल्लंघन है. यूनियन का कहना है कि जो कर्मचारी पिछले 15 सालों से सेवा दे रहे हैं, उन्हें नियमित किया जाना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों को उनके अधिकार नहीं मिलते, जिससे उनके परिवारों पर भी इसका असर पड़ता है.
10 दिन में समाधान का आश्वासन, बीत गए एक माह:ललित चौधरी ने बताया कि कर्मचारियों ने मजबूर होकर चक्का जाम और हड़ताल जैसे कदम उठाए. जिससे दिल्ली में बसों का संचालन ठप हो गया था. अक्टूबर और नवंबर 2024 में हुए आंदोलनों के बाद सरकार ने बातचीत का भरोसा दिया था. कर्मचारियों की मांगों को लेकर आश्वासन दिया गया था कि 10 दिनों में समाधान होगा, लेकिन अब एक महीना बीत चुका है और कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. ललित चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान कैबिनेट और अन्य प्रक्रियाओं के माध्यम से होगा, लेकिन यूनियन का मानना है कि डीटीसी का अपना बोर्ड है और कैबिनेट में मामला लटकाने की कोई जरूरत नहीं है.
कर्मचारियों का धैर्य और सरकार की प्रतिक्रियाःयूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी ने कहा कि कर्मचारियों ने अब तक धैर्य बनाए रखा है, लेकिन धैर्य की भी सीमा होती है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो फिर से आंदोलन हो सकता है. बसों का संचालन भी बंद हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि कर्मचारी किसी भी तरह से जनता को परेशान नहीं करना चाहते, लेकिन सरकार और विभाग को उनकी समस्याओं का समाधान करना होगा.