नई दिल्ली: दिल्ली में सीएम आवास को लेकर भाजपा, आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल पर हमलावर बनी हुई है. इसी कड़ी में दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने सोमवार को सीएजी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि शीशमहल के 33.66 करोड़ रुपये का खर्च तो बस एक फिगर है, इसकी असली लागत का कोई अंदाजा ही नहीं. उसके लिए उस इनवेंटरी को जोड़ना होगा जो अरविंद केजरीवाल के बंगला खारी करने पर बनी और जिसका कोई विवरण सीएजी के सामने रखा ही नहीं गया.
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट से जो बात साफ हुई, वह यह है कि केजरीवाल सरकार में पीडब्ल्यूडी सरकारी एजेंसी नहीं, बल्कि केजरीवाल की निजी संस्था के रूप में काम करती थी. यहां एक प्रारंभिक टिप्पणी आवश्यक है, जिस तरह पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने हर नियम-कानून को शीशमहल बनाने के लिए तोड़ा वह साफ करता है कि यह एक भ्रष्टाचार में 'गिव एंड टेक' का मामला है. जरूर मुख्यमंत्री एवं संबंधित मंत्री ने भी अफसरों के अनेक भ्रष्टाचारों पर इसी तरह आंखें मूंदी होंगी. बंगले का पहला एडिशन एलटरेशन एसटीमेट 7 करोड़ 91 लाख रुपये का बना और पीडब्ल्यूडी ने इसे न जाने क्यों आपातकालीन कार्य घोषित कर दिया. पहले एसटीमेट पर 1 सितंबर, 2020 को वर्क आर्डर जारी कर दिया जब हम सब कोविडकाल की मार झेल रहे थे और हमारे रोजगार ठप थे. उन्होंने बताया-
State President Shri @Virend_Sachdeva is addressing a Press Conference. https://t.co/KhScJxz5xo
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) January 6, 2025
- 1 सितंबर, 2020 वर्क आर्डर 7.91 करोड़ रुपये का वर्क ऑर्डर जारी हुआ.
- 8 जून, 2021 को रसोईं-लॉन्ड्री आदि के नाम पर 1.62 करोड़ का अतिरिक्त वर्क आर्डर हुआ.
- 22 अक्टूबर, 2021 को बिना किसी अनुमति के बंगले के सुपर एरिया में वृद्धि दिखाते हुए 9.09 करोड़ का नया वर्क आर्डर हुआ.
- 30 दिसंबर, 2021 को बंगले के सौंदर्यीकरण के नाम पर 5.73 करोड़ रुपये की लागत और बढ़ा कर वर्क आर्डर हो गया.
- 29 जून, 2022 को बंगले के अतिरिक्त सौंदर्यीकरण के नाम पर प्रारंभिक अनुमानित लागत 7.91 करोड़ से कहीं ऊपर 9.34 करोड़ रुपये का एक और वर्क ऑर्डर जारी हुआ.
हेरफेर के नाम पर उठाए सवाल: वीरेंद्र सचदेवा ने बताया कि इस तरह प्रारंभिक वर्क ऑर्डर के बाद बिना किसी जस्टीफिकेशन के आपातकालीन आवश्यकता घोषित मुख्यमंत्री के शीशमहल की लागत 33.71 करोड़ रुपये जा पहुंची. सीएजी रिपोर्ट में प्रोजेक्ट कंसल्टेंट नियुक्ति से लेकर प्रोजेक्ट लागत तय करने और उसकी किश्तों को बढ़ाने पर सवाल खड़े करती है. रिपोर्ट में सबसे अधिक आपत्ति आवास कैटेगरी तय करने, फिर उसे बढ़ाने, आपातकालीन आवशयकता घोषित करने, काम को कभी स्थाई तो अभी अस्थाई बताने, स्टाफ ब्लाक से लेकर सरवेंट क्वार्टर निर्माण तक के नाम के हेर फेर को लेकर उठाए गए हैं.
जिसकी चमक में अपना चहरा दिखे वैसा करोड़ों का मार्बल
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) January 6, 2025
नवाब साहब को धूप ना लगे इसलिए ₹96 लाख के पर्दे
पाँव पड़े तो ज़मीन पर नहीं रेशम पर पड़े इसलिए ₹16.27 लाख का Silk का Carpet
दुनिया रंगीन दिखे इसलिए ₹20 लाख रुपये का TV
मन बहलाने के लिए ₹5 लाख रुपये का Mini Bar 🥃
शाही… pic.twitter.com/9oy7ZKzbxE
बंगले के निर्माण पर खड़े किए सवाल: उन्होंने आगे कहा, इसके आलावा सीएजी ने रिपोर्ट में डीयूएसी (दिल्ली नगर कला आयोग) एवं दिल्ली नगर निगम की स्वीकृति के बिना इस बंगले को बनाने पर भी खड़े किए हैं. हमें इस बंगले की असल लागत का अंदाज लगाना है तो अनेक विभागों के खातों की जांच के साथ 11 अक्टूबर, 2024 को पीडब्ल्यूडी द्वारा बनाई गई इनवेंटरी को जोड़ना होगा. तब हम पाएंगे की अरविंद केजरीवाल का शीशमहल लगभग 75 से 80 करोड़ रुपये की लागत से अवैध रूप से बना है.
वहीं, सांसद स्वाति मालीवाल ने भी इसे लेकर निशाना साधा है. उन्होंने X पर लिखा, 'जनता का क्या है नर्क में जीती है तो जिए.' गौरतलब है कि वह इससे पहले भी गंदे पानी, जीबी पंत अस्पताल आदि को लेकर दिल्ली सरकार और अरविंद केजरीवाल पर निशाना साध चुकी हैं.
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