खूंटीः जिले में रफ्तार और अवैध परिवहन की वजह से भीषण सड़क हादसा हुआ है. जिसमें 4 लोगों की मौत हुई है. दो गाड़ियों के आपस में टकराने से यह हादसा हुआ. यह दुर्घटना जिले के कर्रा थाना क्षेत्र में हुई है.
बता दें कि जिले के कर्रा-खूंटी मुख्य सड़क पर शुक्रवार सुबह हुए टर्बो और हाइवा के बीच भीषण टक्कर में चार लोगों की मौत हो गई. मृतकों में ड्राइवर दिनेश पाहन, सोमा पाहन, पंकज मुंडा और शानिचरवा बाखला शामिल है. मृतकों में तीन ड़ूमरदगा के सिलादोन निवासी थे और एक सोदाग गांव के खसवाटोली का निवासी था. मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार सुबह छह बजे चिप्स लदा हाइवा कर्रा से खूंटी की ओर आ रहा था, जबकि टर्बो बालू लेकर लोधमा की ओर जा रहा था. तभी चांपी हेसला मोड़ के समीप हाइवा एवं टर्बो में जोरदार टक्कर हो गई. टक्कर इतना जबरदस्त था कि हाइवा टर्बो के ऊपर चढ़ गया. जिससे दबकर टर्बो में सवार चालक समेत चार लोगों की दबकर मौत हो गयी.
जानकारी के अनुसार कर्रा के सिरका स्थि कर्सर से बगैर चालान के चिप्स लेकर हाइवा खूंटी की तरफ जा रहा था. जबकि कांची नदी से अवैध बालू लेकर टर्बो लोधमा की तरफ जा रहा था इसी दौरान दोनों गाड़ियां आपस में टकरा गईं. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि टर्बो के परखच्चे उड़ गए और सभी टर्बो सवार दब गए थे. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस दलबल के साथ मौके पर पहुंची और चार क्रेन के सहारे टर्बो में दबे हाइवा को निकाला गया. उसके बाद टर्बो में दबे चारों शवो को निकालकर पुलिस ने सदर अस्पताल भेज दिया. कर्रा पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद सभी दबे लोगों को निकाला गया लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका. टर्बो ड्राइवर समेत कुल चार लोगों की मौत हो गयी.
इस हादसे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. खनन विभाग लगातार दावा करता रहा है कि जिले में खनिजों के अवैध उत्खनन एवं परिवहन पर लगाम लगाया जा रहा है लेकिन इस हादसे ने खनन विभाग के सभी दावों पर पानी फेर दिया. हालांकि खनन विभाग के इंस्पेक्टर सुबोध सिंह ने बताया कि जांच की जा रही है कि हाइवा में लदे चिप्स का चालान था या नहीं. उन्होंने कहा कि उन्हें भी सूचना मिली है कि कुछ दिनों से अवैध खनन माफिया खनिजों का अवैध परिवहन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कार्रवाई फिर से शुरू की जाएगी. गौरतलब है कि गत वर्ष तोरपा थाना क्षेत्र के तोरपा भाया कर्रा मुख्य सड़क पर अलग अलग हुए हादसे के कारण आधा दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है. सभी घटनाएं अवैध बालू लदे हाइवा की तेज रफ्तार के कारण हुई थी.